मुंबई। सायरस मिस्त्री के ऑफिस ने यह स्पष्ट किया है कि उन्होंने टाटा संस द्वारा उन्हें चेयरमैन पद से बर्खास्त करने को लेकर किसी भी कोर्ट में कोई भी कैविएट दायर नहीं की है। वहीं दूसरी ओर टाटा समूह ने कोर्ट में कैविएट दायर की है।
मिस्त्री के ऑफिस से जारी एक बयान के मुताबिक
कैविएट उस पार्टी द्वारा दाखिल किया गया एक नोटिस है, जिसे अपने द्वारा उठाए गए कदम पर कानूनी नोटिस मिलने का डर होता है। टाटा ने कैविएट दाखिल किए हैं क्योंकि उसे सायरस मिस्त्री की ओर से कानूनी कार्रवाई किए जाने का डर है। सायरस ने कोई भी कैविएट दाखिल नहीं किया है।
टाटा समूह ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट, बांबे हाई कोर्ट और राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण में कैविएट दाखिल किए हैं, ताकि सायरस मिस्त्री अदालतों से कोई इकतरफा आदेश पारित नहीं करा सकें।
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- सूत्रों के अनुसार टाटा परिवार चाहता है कि कोई भी अदालत मिस्त्री को हटाने के मामले में उनका पक्ष सुने बिना इकतरफा फैसला नहीं दे।
- टाटा ने अदालत में उनका पक्ष सुने जाने का आग्रह किया है।
- कोई अदालत यदि मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाने पर स्थगन जैसा कोई अंतरिम आदेश पारित करती है तो उससे पहले उसे टाटा समूह का पक्ष सुना जाना चाहिए।
- टाटा समूह के अंतरिम चेयरमैन नियुक्त रतन टाटा ने इससे पहले समूह की विभिन्न कंपनियों के प्रमुखों से कहा है कि वह शीर्ष स्तर पर होने वाले बदलावों के बारे में चिंतित हुए बिना अपने काम पर ध्यान दें।