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सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर जुलाई में तीन महीने के उच्चतम स्तर पर: पीएमआई

भारत की सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्टर ) की गतिविधि में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज हुई और जुलाई में यह तीन महीने के उच्चतम स्तर पर रही।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: August 03, 2016 13:13 IST
जुलाई में सर्विस सेक्टर की ग्रोथ तीन महीने के उच्चतम स्तर पर, मजबूत मांग और नए ऑर्डर का मिला फायदा- India TV Paisa
जुलाई में सर्विस सेक्टर की ग्रोथ तीन महीने के उच्चतम स्तर पर, मजबूत मांग और नए ऑर्डर का मिला फायदा

नई दिल्ली। भारत की सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्टर ) की गतिविधि में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज हुई और जुलाई में यह तीन महीने के उच्चतम स्तर पर रही। एक मासिक सर्वेक्षण के मुताबिक मांग में मजबूती के मददेनजर नए आर्डर में बढ़ोतरी हुई। निक्केई इंडिया सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक जो मासिक आधार पर सेवा कंपनियों की गतिविधियों में बदलाव का आकलन करता है, जुलाई में बढ़कर 51.9 पर पहुंच गया जो जून में 50.3 के स्तर पर था।

सर्वेक्षण का आकलन करने वाली संस्था मार्किट की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा, भारतीय सेवा क्षेत्र गतिविधियों की दूसरी छमाही की शुरूआत ठोस आधार पर हुई। विनिर्माण उत्पादन में वृद्धि के बीच मौसमी आधार पर समायोजित निक्केई इंडिया मिश्रित पीएमआई उत्पादन सूचकांक भी तीन महीने के उच्चतम स्तर 52 पर पहुंच गया, जो जून में 51.1 पर था। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना वृद्धि जबकि इससे नीचे रहना संकुचन का संकेतक है। लीमा ने कहा कि सर्वेक्षण के दीर्घकालिक रुझान के मुकाबले वृद्धि औसत से कम रही हालांकि वृद्धि लगातार 13वें महीने बरकरार रही, लेकिन यह क्षेत्र रोजगार सृजन में नाकाम रहा।

जुलाई महीने में विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों में रोजगार आम तौर पर अपरिवर्तित रहा, जिसका संकेत उन क्षेत्रों के संबंधित सूचकांक से मिलता है। लीमा ने कहा कि निजी क्षेत्र में ढाई साल से अधिक समय अर्थपूर्ण रोजगार सृजन नहीं हुआ है। मुद्रास्फीति के संबंध में लीमा ने कहा, सेवा प्रदाताओं ने मूल्य के दबाव में गिरावट का संकेत दिया है जबकि उत्पादन शुल्क लागत में कटौती के अनुपात में घटाया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि मुद्रास्फीतिक दबाव में गिरावट से रिजर्व बैंक नौ अगस्त की आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है।

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