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बड़े प्रोजेक्‍ट को लोन देने के लिए खुलेंगे होलसेल एंड लांग-टर्म फाइनेंस बैंक, RBI ने जारी किया डिस्‍कशन पेपर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को होलसेल एंड लांग-टर्म फाइनेंस बैंक (WLTF) का प्रस्‍ताव पेश करते हुए इसके लिए डिस्‍कशन पेपर भी जारी किया है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: April 08, 2017 13:57 IST
New Bank: बड़े प्रोजेक्‍ट को लोन देने के लिए खुलेंगे होलसेल एंड लांग-टर्म फाइनेंस बैंक, RBI ने जारी किया डिस्‍कशन पेपर- India TV Paisa
New Bank: बड़े प्रोजेक्‍ट को लोन देने के लिए खुलेंगे होलसेल एंड लांग-टर्म फाइनेंस बैंक, RBI ने जारी किया डिस्‍कशन पेपर

मुंबई। लंबी अवधि के हाई-वैल्‍यू प्रोजेक्‍ट्स को फंड उपलब्‍ध कराने के लिए देश में एक नए तरह के बैंक खोलने पर विचार किया जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को होलसेल एंड लांग-टर्म फाइनेंस बैंक (WLTF) का प्रस्‍ताव पेश करते हुए इसके लिए डिस्‍कशन पेपर भी जारी किया है। यह बैंक पूर्व में खुले डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्‍टीट्यूशंस (DFI) की तरह होंगे।

आरबीआई ने WLTF बैंक पर जारी अपने ड्राफ्ट डिस्‍कशन पेपर में कहा है कि देश में बैंकिंग और नॉन-बैंकिंग सेवाओं के मौजूदा परिदृश्‍य पर विचार कर आगे बढ़ते हुए, यहां एक अन्‍य प्रकार के विभिन्‍न बैंक को अनुमति देने की जरूरत महसूस की जा रही है जो अधिक परिपक्‍व और गहरे वित्‍तीय क्षेत्र की प्रगति को और सुविधाजनक बनाने में मददगार हो।

ये बैंक इंडस्ट्रियल, कॅमर्शियल और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर सेक्‍टर को बड़े कर्ज देंगे, अत: इनका मजबूत होना जरूरी है। इसलिए इनके लिए न्यूनतम पेडअप इक्विटी कैपिटल की सीमा 1,000 करोड़ रुपए रखी गई है। सामान्य बैंकों के लिए यह सीमा 500 करोड़ रुपए है।

यह बैंक प्रमुख रूप से इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर तथा स्‍मॉल, मीडियम और कॉरपोरेट बिजनेस को कर्ज देने पर फोकस करेंगे। ये बैंक कॉरपोरेट बांड, क्रेडिट डेरिवेटिव्स, वेयरहाउस रिसीट जैसे सिक्युरिटीज के लिए मार्केट मेकर का भी काम कर सकेंगे। ये कर्ज देने वाले संस्थानों को रीफाइनेंस भी करेंगे। आरबीआई ने सभी पक्षों से 19 मई तक सुझाव मांगे हैं।

आरबीआई ने कहा है कि इन बैंकों के लिए योग्‍य प्रमोटर कोई भी हो सकता है जो एक नियमित कॅमर्शियल बैंक को चलाने की सभी उपयुक्‍त शतों को पूरा करता हो। इसका अर्थ है कि कोई औद्योगिक समूह या कॉरपोरेट हाउस इन बैंकों के लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं कर सकता है।

क्‍या काम करेंगे ये बैंक

  • आरबीआई ने कहा कि यह बैंक बचत जमा स्‍वीकार नहीं करेंगे।
  • इन्‍हे केवल कम से कम 10 करोड़ रुपए के करेंट एकाउंट और टर्म डिपॉजिट स्‍वीकार करने की अनुमति होगी।
  • यह बैंक रुपए में देश या विदेश में बांड भी जारी कर सकते हैं।
  • इन बैंकों को कैश रिजर्व रेशियो का पालन करना होगा, लेकिन इनको वैधानिक तरलता अनुपात या अनिवार्य बांड होल्डिंग की शर्त से छूट मिलेगी।
  • इन बैंकों के लिए फंड जुटाने का प्रमुख स्रोत टर्म डिपॉजिट, डेट और प्राइमरी मार्केट इश्‍यू या प्राइवेट प्‍लेसमेंट होगा। इसके अलावा यह बैंक या अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थाओं से टर्म लोन भी ले सकेंगे।
  • यह बैंक रिटेल कारोबार से पूरी तरह दूर रहेंगे।

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