Saturday, April 20, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. बीते दो साल में 500 दवाओं के दाम हुए कम, जन औषधि स्टोर की संख्या बढ़कर 3,000 हुई

बीते दो साल में 500 दवाओं के दाम हुए कम, जन औषधि स्टोर की संख्या बढ़कर 3,000 हुई

उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार ने बीते दो साल में 500 दवाओं, चिकित्सकीय उपकरणों व दूसरे चिकित्सीय उपभोज्यों के दाम कम किए हैं।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: May 26, 2016 9:23 IST
बीते दो साल में 500 दवाओं के दाम हुए कम, जन औषधि स्टोर की संख्या बढ़कर 3,000 हुई- India TV Paisa
बीते दो साल में 500 दवाओं के दाम हुए कम, जन औषधि स्टोर की संख्या बढ़कर 3,000 हुई

नई दिल्ली। उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार ने बीते दो साल में 500 दवाओं, चिकित्सकीय उपकरणों व दूसरे चिकित्सीय उपभोज्यों के दाम कम किए हैं। कुमार ने बीते दो साल में रसायन व उर्वरक मंत्रालय की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उचित कीमतों पर दवाएं उपलब्ध कराने वाले जन औषधि स्टोर की संख्या बढ़ाकर 3,000 कर दी गई है जो कि 2014 में लगभग 100 थी।

कुमार ने एक बयान में कहा है, आम लोगों व रोगियों को राहत देने के उद्देश्य से जरूरी दवाओं की कीमतें घटाने के लिए कीमत नियमन के मोर्चे पर मजबूत कार्रवाई की गई है। लगभग 500 दवाओं, चिकित्सकीय दवाओं व औषधीय उपभोग की वस्तुओं के दाम कम हुए हैं। मंत्री ने कहा कि 80 थोक दवाओं या एपीआई को लेकर देश चीन पर बहुत (अस्वास्थ्य कारी ढंग से) निर्भर है। उन्होंने कहा कि 2015-16 में 245 लाख टन यूरिया का रिकार्ड उत्पादन हुआ।

बजट 2016 में कम कीमत पर जेनेरिक दवा उपलब्ध कराने के लिए सरकार देश भर में 3,000 जन औषधि स्टोर खोलेने की घोषणा की गई थी। बजट 2016-17 पेश करते हुए मंत्री ने कहा था, कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता वाली दवाओं का उत्पादन चुनौती रहा है। हम जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति में तेजी लाएंगे। वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान प्रधानमंत्री की जन औषधि योजना के तहत 3,000 स्टोर खोले जाएंगे। जन औषधि योजना 2008 में शुरू हुई थी, जिसका लक्ष्य है सभी के लिए, विशेष तौर पर गरीब और वंचित वर्ग के लिए, जन औषधि स्टोर के जरिये अच्छी गुणवत्ता वाली दवाएं कम कीमत पर उपलब्ध कराना। इस योजना का लक्ष्य है बिना ब्रांड वाली जेनेरिक दवाओं के उपयोग को लोकप्रिय बनाना ताकि आम आदमी के लिए वास्तविक व्यय कम किया जा सके और स्वास्थ्य सेवा सस्ती और सुरक्षित बनाई जा सके।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement