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मम्‍मी-पापा को दें ये खास तोहफा: मोदी सरकार की इस योजना में आज जमा करें पैसे, तुरंत मिलेगा फायदा

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत वरिष्ठ नागिरकों को मासिक पेंशन का विकल्प चुनने पर स्कीम में 10 साल तक एक तय दर से गारंटीशुदा पेंशन मिलती है।

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Published on: November 30, 2019 16:46 IST
Senior Citizen । File Photo- India TV Paisa

Senior Citizen । File Photo

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने वृद्धजनों के लिए एक खास स्कीम शुरू की है, यानी अगर आपको भी अपने बुढ़ापे की चिंता सताती है तो ये खबर आपके काम की है। दरअसल, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत सरकार ने बुजुर्गों के लिए पेंशन की व्यवस्था की है। सीनियर सिटीजन के लिए उपलब्ध ये पेंशन स्कीम काफी खास है। बता दें कि सरकार अपनी इस योजना को एलआईसी के जरिए संचालित कर रही है।

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत वरिष्ठ नागिरकों को मासिक पेंशन का विकल्प चुनने पर स्कीम में 10 साल तक एक तय दर से गारंटीशुदा पेंशन मिलती है। साथ ही यह योजना डेथ बेनिफिट की भी पेशकश करती है। इसके तहत नॉमिनी को खरीद मूल्य वापस किया जाता है। पहले यह पॉलिसी बहुत कम अवधि के लिए खुली थी। लेकिन, बाद में इसकी अवधि बढ़ाकर 31 मार्च, 2020 कर दी गई है।

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत सिर्फ 60 साल की उम्र पार कर चुके नागरिक या इससे अधिक के सीनियर सिटीजन ही इसका फायदा उठा सकते हैं। इस स्कीम में उम्र का कोई भी प्रतिबंध नहीं है। इस स्कीम में एक व्यक्ति अधिकतम 15 लाख रुपए निवेश कर सकता है। इसके अलावा उनका भारत का नागरिक होना भी जरूरी है। 

10 साल तक मिलता है पेंशन का लाभ

प्रधानमंत्री वय वंदना स्कीम के तहत बुजुर्गों को हर महीने एक निश्चित पेंशन मिलती है। हालांकि पेंशन की यह रकम सिर्फ 10 साल तक ही मिलती है। अगर किसी व्यक्ति को 10 साल बाद फिर से पेंशन शुरू करना है तो उसे दोबारा इस स्कीम में निवेश करना होगा। इस योजना के तहत निवेशक की ओर से चुने गए समय पर उसके अकाउंट में पैसा क्रेडिट हो जाएगा। निवेशक मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक विकल्पों के साथ पेंशन के क्रेडिट के लिए समय के विकल्प को चुन सकते हैं।

ऐसे घर बैठे करें आवेदन?

इसके लिए एक आवेदन फॉर्म भरना होगा। इस फॉर्म के साथ जरूरी दस्तावेज अटैच करने की जरूरत पड़ती है। सीनियर सिटीजन ऑनलाइन भी स्कीम में निवेश कर सकते हैं। इसके लिए https://eterm.licindia.in/onlinePlansIndex/pmvvymain.do के लिंक का इस्तेमाल करना होगा। साथ ही प्रधानमंत्री वय वंदना स्कीम में आवेदन करने के लिए आवेदक को पैन कार्ड की कॉपी, पते का प्रूफ (आधार, पासपोर्ट की प्रति), उस बैंक पासबुक के पहले पेज की कॉपी जिसमें खाताधारक को पेंशन चाहिए आदि देना होगा। निवेशकों को पेंशन की रकम नेट बैंकिंग या आधार आधारित भुगतान सिस्टम जरिए होगा। यानी पॉलिसी लेते समय निवेशकों को बैंक अकाउंट संबंधी जानकारी साझा करनी होगी।

निवेशकों को मिलेगी मैच्योरिटी की पूरी रकम

गौरतलब है कि पॉलिसी खरीदते समय निवेशक द्वारा जमा की गई रकम 10 साल की अवधि पूरा होने के बाद वापस हो जाती है। बता दें कि पेंशन की आखिरी किस्त के साथ ही एलआईसी जमा की गई पूरी रकम को निवेशको को वापस लौटा देता है। फिलहाल केंद्र सरकार इस योजना के तहत जमा की गई रकम पर 8.30 फीसदी तक ब्याज देती है। मासिक पेंशन के तहत 8.00 फीसदी सालाना, तिमाही पेंशन के तहत 8.05 फीसदी सालाना, छमाही पेंशन के तहत 8.13 फीसदी सालाना और सालाना पेंशन के तहत 8.30 फीसदी का ब्याज मिलता है।

पॉलिसी पर टैक्स नहीं, लेकिन किस्त पर टैक्स

निवेशकों को प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत पॉलिसी की खरीद को सरकार की ओर से सर्विस टैक्स या जीएसटी से छूट प्राप्त है। हालांकि पेंशन की किस्त टैक्सेबल इनकम में मानी जाएगी। संबंधित वित्तवर्ष के इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की मात्रा तय किया जाएगा। इस योजना में सरकार की अन्य पेंशन स्कीमों की तरह टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है।

क्या है खरीद मूल्य?

इस स्कीम में एकमुश्त पैसा लगाया जा सकता है। पेंशनर पेंशन के भुगतान के लिए मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना विकल्प चुन सकते हैं। सालाना पेंशन के लिए मिनिमम परचेज प्राइस 1,44,578 रुपए है। जबकि अधिकतम परचेज प्राइस 14,45,783 रुपए है। हालांकि, मासिक पेंशन के भुगतान के मामले में मिनिमम परचेज प्राइस 1.5 लाख रुपए है, जबकि अधिकतम परचेज प्राइस 15 लाख रुपए है।

इन बातों का रखें ध्यान

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में प्रीमैच्योर विद्ड्रॉल की इजाजत मिलती है। लेकिन, यह कुछ खास मामलों में ही उपलब्ध है। जीवनसाथी या खुद को गंभीर बीमारी होने पर यह सुविधा मिलती है। हालांकि, इस तरह के मामलों में परचेज प्राइस का केवल 98 प्रतिशत सरेंडर वैल्यू के तौर पर भुगतान किया जाता है। पॉलिसी के तीन सालों के बाद प्रधानमंत्री वय वंदना योजना पर लोन सुविधा भी उपलब्ध है। अधिकतम लोन की रकम परचेज प्राइस का 75 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती है। 

उदहारण से इस योजना को समझिए

मान लीजिए कि रमेश को निम्नलिखित विवरण के साथ इस योजना में निवेश किया है। वह अगले 10 वर्षों के लिए निश्चित नियमित आय सुनिश्चित करने के लिए अपनी बचत से एक एकमुश्त राशि निवेश करता है।

आयु: 60 वर्ष
खरीद मूल्य: 7,50,000 रुपए
पॉलिसी अवधि: 10 वर्ष
खरीद वर्ष: 2019
पेंशन मोड: मासिक
 
तो, प्रधानमंत्री वया वंदना योजना के तहत रमेश को निम्न पेंशन लाभ प्राप्त होगा। रमेश को प्रत्येक महीने के अंत में पेंशन राशि के रूप में 5,000 रूपए अगले 10 वर्ष तक मिलते रहेंगे। मिलने वाले ब्याज की दर 8.30 प्रतिशत है तो (7,50,000 रुपए का 8 प्रतिशथ)/12 से जो भी राशि आएगी, वह हर महीने अगर वह 10 साल की अवधि तक जीवित रहता है तो उसे मिलेगी। परिपक्वता लाभ के तहत 10 वर्षों के पूरा होने पर रमेश को खरीदी मूल्य अर्थात 7,50,000 रूपए की रकम जो उसने योजना खरीदने के लिए भुगतान किया था उसे वापस मिल जाएगी। अगर 65 वर्ष की उम्र में रमेश की मृत्यु हो जाती है तो, उसे 65 वर्ष तक हर महीने पेंशन के रूप में 5000 का भुगतान किया जाएगा और उसकी मृत्यु के बाद पालिसी की खरीदी मुल्य अर्थात 7,50,000 रुपए की राशि का भुगतान उसके नॉमिनी को किया जाएगा। मान लीजिए कि 68 वर्ष की उम्र में रमेश को स्वयं या पत्नी के गंभीर बीमारी के इलाज के लिए अपने पैसे की जरूरत होती है। ऐसे परिस्थिति में 68 वर्ष की आयु तक तो उसे मासिक पेंशन के रूप में 5000 रूपए का भुगतान होता रहेगा और 68 साल की उम्र में जब वह पॉलिसी को सरेंडर कर देता है, तो उसे खरीदी मूल्य का 98 प्रतिशत रकम वापस कर दिया जाएगा। अर्थात 7,50,000 का 98 प्रतिशत- 7,35,000 रुपए होता है। 

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