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चीनी उत्‍पादों के बढ़ते आयात पर संसदीय समिति ने जताई चिंता, सरकार से की घरेलू इंडस्‍ट्री को सुरक्षा देने की मांग

सस्ते और कम गुणवत्ता वाले चीनी माल की देश में बढ़ती डंपिंग और उससे घरेलू उद्योग को होने वाले नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए संसद की एक स्थायी समिति ने सरकार से किसी भी तरह के अवैध, संरक्षणवादी और अनुचित व्यापार व्यवहार के समक्ष घरेलू उद्योगों को पूर्ण सुरक्षा देने की सिफारिश की है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 20, 2018 17:45 IST
china products- India TV Paisa
Photo:CHINA PRODUCTS

china products

नई दिल्ली। सस्ते और कम गुणवत्ता वाले चीनी माल की देश में बढ़ती डंपिंग और उससे घरेलू उद्योग को होने वाले नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए संसद की एक स्थायी समिति ने सरकार से किसी भी तरह के अवैध, संरक्षणवादी और अनुचित व्यापार व्यवहार के समक्ष घरेलू उद्योगों को पूर्ण सुरक्षा देने की सिफारिश की है।

 वाणिज्य पर संसद की विभाग संबंधी स्थायी समिति ने अमेरिका और यूरोपीय संघ का उदाहरण देते हुए कहा है कि ये देश अपने घरेलू उद्योगों को होने वाले नुकसान और रोजगार के अवसर घटने पर काफी सक्रिय होकर कदम उठा रहे हैं। इसे देखते हुए समिति का मानना है कि भारत सरकार को भी घरेलू उद्योगों के हित में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के तहत उपलब्ध रक्षात्मक उपायों का अधिक सक्रियता के साथ उपयोग करना चाहिए।

नरेश गुजराल की अध्यक्षता वाली वाणिज्य पर गठित संसद की स्थायी समिति ने अपनी 145वीं रिपोर्ट में चीनी माल के बढ़ते आयात से घरेलू उद्योगों और रोजगार के अवसरों को हो रहे नुकसान पर विस्तारपूर्वक गौर किया और सरकार को जरूरी उपायों के बारे में अपनी सिफारिशें दी हैं। चीनी माल के भारतीय उद्योगों पर पड़ने वाले प्रभाव संबंधी इस रिपोर्ट को संसद के हाल ही में संपन्न शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किया गया। 

6 साल में दोगुने से अधिक हुआ द्विपक्षीय व्‍यापार

रिपोर्ट के अनुसार 2007-08 में चीन के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार जहां 38 अरब डॉलर था, वहीं यह 2017-18 में बढ़ कर 89.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वर्ष 2013-14 में देश के कुल आयात में चीन से होने वाले आयात का हिस्सा 11.6 प्रतिशत था, जो कि 2017-18 में तेजी से बढ़कर 16.6 प्रतिशत पर पहुंच गया। चीन से होने वाले आयात में 2013-14 में सालाना आयात वृद्धि जहां 9 प्रतिशत थी वहीं 2017-18 में वृद्धि 20 प्रतिशत पर पहुंच गई। इस दौरान चीन के साथ व्यापार घाटा 63 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो देश के कुल व्यापार घाटे का 40 प्रतिशत रहा।

विनिर्माण क्षेत्र पर पड़ा बुरा असर

चीन से बढ़ते आयात का देश के विनिर्माण क्षेत्र पर बुरा असर पडा है। इसका रोजगार के अवसरों को भी नुकसान हुआ है। इनमें कपड़ा उद्योग के अलावा सौर ऊर्जा उद्योग प्रमुख है, जो तेजी से बढ़ रहा है। स्टेनलेस स्टील इंडस्ट्री खासतौर से 200 श्रृंखला ग्रेड वाला स्टेनलेस स्टील उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। निम्न गुणवत्ता के कृषि रसायन, कीटनाशक से देश के किसान और खेती प्रभावित होती है। चीन से आयातित हल्की गुणवत्ता के खिलौने, रंग, पटाखे, हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां स्वास्थ्य पर असर डाल रहे हैं। 

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