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नेपाल की अर्थव्‍यवस्‍था की हालत हुई पतली, व्यापार घाटा पहली बार 10 अरब डॉलर के पार

पाकिस्‍तान के बाद भारत के एक और पड़ौसी देश नेपाल की अर्थव्‍यवस्‍था बुरे दौर से गुजर रही है।

Sachin Chaturvedi Written by: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: August 07, 2018 10:10 IST
Nepal- India TV Paisa

Nepal

काठमांडू। पाकिस्‍तान के बाद भारत के एक और पड़ौसी देश नेपाल की अर्थव्‍यवस्‍था बुरे दौर से गुजर रही है। वित्तवर्ष 2017-18 में नेपाल का व्यापार घाटा पहली बार 10 अरब डॉलर को पार कर गया है। नेपाल का वित्तवर्ष जुलाई मध्य में खत्म होता है। व्यापार घाटा बढ़ने का मुख्य कारण निर्यात में गिरावट और आयात में तेजी आती है। नेपाल के सीमा शुल्क विभाग (डीओसी) ने सोमवार को यह जानकारी दी। डीओसी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2017-18 में नेपाल का व्यापार घाटा 10.55 अरब डॉलर रहा।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तवर्ष 2013-14 में नेपाल का व्यापार घाटा 4.87 अरब डॉलर था, जो केवल पांच साल में बढ़कर दोगुना हो गया। नेपाल के आयात में इन सालों में लगभग दो गुनी की बढ़ोतरी हुई, जबकि निर्यात में मामूली वृद्धि हुई। 

नेपाल का आयात वित्तवर्ष 2013-14 में 5.57 अरब डॉलर था, जो वित्तवर्ष 2017-18 में बढ़कर 11.28 अरब डॉलर हो गया। वहीं, नेपाल का निर्यात जो 2013-14 में 70.31 करोड़ डॉलर था, वित्त वर्ष 2017-18 में 73.75 करोड़ डॉलर रहा। पूर्व नेपाली वाणिज्य सचिव पुरुषोत्तम ओजा ने कहा कि निर्यात का मुख्य कारण पर्याप्त कृषि और विनिर्माण उत्पादन नहीं होना है, जिससे आयात बढ़ा है। 

उन्होंने कहा, "दूसरी तरफ सरकार आयात को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि वह आयात से मिलनेवाले राजस्व पर बहुत अधिक निर्भर है।" डीओसी के मुताबिक, नेपाल का सबसे अधिक व्यापार घाटा भारत के साथ है और उसके बाद चीन के साथ है। इन दोनों देशों के साथ नेपाल का सबसे ज्यादा व्यापार होता है।

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