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एनसीएईआर का दूसरी तिमाही में वृद्धि दर घटकर 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान

लगभग सभी क्षेत्रों में सुस्ती का रुख जारी रहने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

India TV Paisa Desk Written by: India TV Paisa Desk
Published on: November 16, 2019 15:21 IST
NCAER projects Q2 GDP growth to decline to 4.9  per cent- India TV Paisa

NCAER projects Q2 GDP growth to decline to 4.9  per cent

नयी दिल्ली। लगभग सभी क्षेत्रों में सुस्ती का रुख जारी रहने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर ने यह अनुमान लगाया है। चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर घटकर पांच प्रतिशत पर आ गई। यह इसका छह साल से अधिक का निचला स्तर है।

नेशनल काउंसिल आफ एप्लायड इकनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में पूरे साल के दौरान भी जीडीपी की वृद्धि दर के घटकर 4.9 प्रतिशत रह जाएगी, जो कि 2018-19 में 6.8 प्रतिशत रही थी। एनसीएईआर ने कहा कि आगे चलकर मौद्रिक नीति उपायों से वृद्धि में सुधार की उम्मीद नहीं है। एनसीएईआर ने इसके बजाय वित्तीय प्रोत्साहन देने का सुझाव दिया है। शोध संस्थान ने कहा कि वित्तीय प्रोत्साहन का वित्तपोषण भी यदि बेहतर राजस्व सृजन से नहीं होता है, तो यह भी चुनौतीपूर्ण ही साबित होगा। 

एनसीएईआर के विशिष्ट फेलो सुदीप्तो मंडल ने शनिवार को यहां एक कार्यक्रम के मौके पर अलग से कहा, 'वृद्धि दर में गिरावट अपने निचले स्तर को छू चुकी है या नहीं, इसका पता अगले दो सप्ताह में दूसरी तिमाही के आंकड़े आने के बाद चलेगा। हालांकि, वृद्धि दर में मौजूदा सुस्ती मांग की समस्या की वजह से है। इसे वित्तीय उपायों से दूर किया जा सकता है।' 

मंडल ने कहा कि वित्तीय उपायों पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए। आवश्यकता इस बात की है कि राजकोषीय घाटे को बढ़ाए बिना खर्च बढ़ाने के उपाय किए जाएं। उन्होंने कहा, 'इसे करने के तरीके हैं। हमारे पास एक मजबूत नेता है। एक बड़ा वित्तीय क्षेत्र ऐसा है जिसका इस्तेमाल नहीं हुआ है। कुछ लोगों का कहना है कि अब वित्तीय क्षेत्र में अब कोई गुंजाइश नहीं बची है, यह कहना कोरी कल्पना है।'

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