Tuesday, April 23, 2024
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रेलवे सलून में लग्‍जरी यात्रा का सपना जल्‍द बनेगा हकीकत, 70% खाली सीटों के साथ चल रही हैं लग्‍जरी ट्रेनें

टू बेडरूम, लाउंज, किचन और टॉयलेट के साथ ट्रेन में यात्रा करने का सपना जल्‍द ही हकीकत बनने वाला है। भारतीय रेलवे इस तरह की लग्‍जरियस यात्रा को शुरू करने के रास्‍तों पर विचार कर रही है।

Abhishek Shrivastava Written by: Abhishek Shrivastava
Published on: January 05, 2018 14:38 IST
luxury train - India TV Paisa
luxury train

नई दिल्‍ली। टू बेडरूम, लाउंज, किचन और टॉयलेट के साथ ट्रेन में यात्रा करने का सपना जल्‍द ही हकीकत बनने वाला है। भारतीय रेलवे इस तरह की लग्‍जरियस यात्रा को शुरू करने के रास्‍तों पर विचार कर रही है। हालांकि इसके लिए आपको बहुत अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है।

रेलवे आज यात्रियों को सलून या परीक्षण कोच में लग्‍जरियस यात्रा का अनुभव प्रदान करने के रास्‍तों पर विचार कर रही है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने गुरुवार को ट्रेवल और ट्रेड एसोसिएशनों के साथ इस संबंध में बातचीत की। इस बैठक में लग्‍जरियस सलून को कैसे पयर्टन को बढ़ावा देने में उपयोग किया जा सकता है इस पर बातचीत हुई।

लोहानी का मानना है कि इस तरह की यात्रा के लिए भारत में डिमांड है और उन्‍होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कम से कम दो ऐसे सलून पर्यटन के लिए दिल्‍ली को उपलब्‍ध कराए जाएं। उन्‍होंने आईआरसीटीसी से भी ऐसे रूट का पता लगाने के लिए कहा जहां इन्‍हें चलाया जा सकता है। अधिकारियों ने कहा कि सलून या परीक्षण कोच, दो परिवारों द्वारा यात्रा करने के लिए पर्याप्‍त हैं और इसमें आराम से पांच दिनों तक यात्रा करने की सभी सुविधाएं मौजूद हैं।

सलून में दो बेडरूम, एक लाउंज, एक पैंट्री, एक टॉयलेट और एक किचन होती है। इन सलून और परीक्षण कोच का इस्‍तेमाल वरिष्‍ठ रेल अधिकारियों द्वारा दुर्घटना स्‍थल पर पहुंचने और ऐसे दूरदराज के इलाकों में जाने के लिए किया जाता है, जहां रोड और हवाई संपर्क नहीं है।   

संसदीय समिति ने पूछा, लक्जरी ट्रेनें खाली क्यों चल रही हैं 

संसद की एक स्थायी समिति ने रेलवे से पूछा है कि वह लक्जरी ट्रेनों का परिचालन सिर्फ 30 प्रतिशत बुकिंग के साथ क्यों कर रही है। रेल पर संसद की स्थायी समिति ने कल संसद में पर्यटन संवर्द्धन और तीर्थाटन सर्किट पर अपनी रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय को स्थिति-सुधार के उपाय करने चाहिए। 

समिति के अनुसार महाराजा एक्सप्रेस, गोल्डन चैरियट, रायल राजस्थान आन व्हील्स, डेक्कन ओडिसी और पैलेस आन व्हील्स ट्रेनों में 2102 से 2017 के दौरान खाली सीटों की संख्या क्रमश: 62.7 प्रतिशत, 57.76 प्रतिशत, 45.46 प्रतिशत और 45.81 प्रतिशत रही है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंध्योपाध्याय की अगुवाई वाली समिति ने कहा कि सबसे चौंकाने वाला मामला महाराजा एक्सप्रेस का है। यह ट्रेन पूरी तरह भारतीय रेल द्वारा चलाई जाती है। 2012-13, 2103-14, 2014-15, 2015-16 और 2016-17 में इस ट्रेन में यात्रियों की औसत संख्या क्षमता के क्रमश:29.86 प्रतिशत, 32.33 प्रतिशत, 41.8 प्रतिशत, 41.58 प्रतिशत और 36.03 प्रतिशत रही। 

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