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बढ़ी हुई MSP के फायदे में कहीं मौसम न फेर दे पानी, सभी खरीफ फसलों की खेती पिछड़ी

केंद्र सरकार ने इस साल किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य तो बढ़ा दिया है लेकिन मौसम की बेरुखी की वजह से कहीं किसान इसका लाभ उठाने से वंचित न रह जाएं। देशभर में अबतक औसत के मुकाबले कम बरसात दर्ज की गई है जिस वजह से खरीफ बुआई बुरी तरह प्रभावित हुई है, ऐसे में खरीफ उत्पादन प्रभावित होगा और किसानों को बढ़े हुए समर्थन मूल्य का ज्यादा लाभ नहीं मिल सकेगा

Manoj Kumar Reported by: Manoj Kumar @kumarman145
Updated on: July 07, 2018 15:34 IST
Kharif sowing lagging behind by 55 lakh hectare over last year- India TV Paisa

Kharif sowing lagging behind by 55 lakh hectare over last year

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इस साल किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य तो बढ़ा दिया है लेकिन मौसम की बेरुखी की वजह से कहीं किसान इसका लाभ उठाने से वंचित न रह जाएं। देशभर में अबतक औसत के मुकाबले कम बरसात दर्ज की गई है जिस वजह से खरीफ बुआई बुरी तरह प्रभावित हुई है, ऐसे में खरीफ उत्पादन प्रभावित होगा और किसानों को बढ़े हुए समर्थन मूल्य का ज्यादा लाभ नहीं मिल सकेगा।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बुआई आंकड़ों के मुताबिक 6 जुलाई तक देशभर में कुल 333.78 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती हुई है जबकि पिछले साल इस दौरान 388.88 लाख हेक्टेयर में खेती हो चुकी थी, यानि पिछले साल के मुकाबले इस साल रकबा 55 लाख हेक्टेयर से ज्यादा पिछड़ा हुआ है।

अभी तक हुई खेती में सभी ज्यादातर खरीफ फसलों यानि धान, कपास, दलहन और तिलहन का रकबा सबसे ज्यादा पिछड़ा हुआ है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक 6 जून तक धान का रकबा 11.83 लाख हेक्टेयर, खरीफ दलहन का रकबा 8.07 लाख हेक्टेयर, मोटे अनाज का रकबा 8.91 लाख हेक्टेयर, तिलहन का रकबा 9.85 लाख हेक्टेयर, और कपास का रकबा 17.22 लाख हेक्टेयर पिछड़ा हुआ दर्ज किया गया है।

Kharif sowing lagging behind by 55 lakh hectare over last year

Kharif sowing lagging behind by 55 lakh hectare over last year

हालांकि जानकार मान रहे हैं कि जुलाई के दौरान अच्छी बरसात की उम्मीद है जिस वजह से खरीफ बुआई में तेजी आएगी और कई फसलों की खेती में सुधार हो सकता है। लेकिन कपास के मामले में यह भरपायी हो पाएगी, इसपर संदेह है, सामान्य तौर पर जुलाई के पहले हफ्ते तक कपास की 60-70 प्रतिशत खेती हो जाती है, लेकिन इस बार 50 प्रतिशत भी खेती नहीं हो पायी है, अभी तक देश में करीब 54.60 लाख हेक्टेयर में कपास की फसल लगी है, सामान्य तौर पर इस दौरान 73 लाख हेक्टेयर से ज्यादा खती हो जाती है, और पूरे सीजन में करीब 120-130 लाख हेक्टेयर में फसल लगती है। 

इस साल अभी तक मौसम ने खरीफ फसलों का साथ नहीं दिया है जिस वजह से बुआई में कमी आई है, मौसम विभाग के मुताबिक अबतक बीते मानसून सीजन के दौरान देशभर में सामान्य के मुकाबले 8 प्रतिशत कम बरसात दर्ज की गई है, पहली जून से लेकर 6 जुलाई तक देशभर में सामान्य तौर पर 215.3 मिलीमीटर बरसात होती है जबकि इस साल 198.6 मिलीमीटर बरसात हुई है।

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