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भारत पर साइबर अटैक का खतरा, अपराधी चुरा सकते हैं कंज्यूमर और कंपनियों का इम्पॉर्टेंट डेटा

इंटरनेशनल सॉफ्टवेयर सिक्योरिटी कंपनी केस्पेरस्की ने कहा कि चीन, रूस और अमेरिका जैसे देशों के साइबर अपराधी भारत पर साइबर अटैक कर सकते हैं।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: November 27, 2015 12:47 IST
भारत पर साइबर अटैक का खतरा, अपराधी चुरा सकते हैं कंज्यूमर और कंपनियों का इम्पॉर्टेंट डेटा- India TV Paisa
भारत पर साइबर अटैक का खतरा, अपराधी चुरा सकते हैं कंज्यूमर और कंपनियों का इम्पॉर्टेंट डेटा

नई दिल्ली। भारत में साइबर अपराधी कंज्यूमर और कंपनियों का इम्पॉर्टेंट डेटा चुरा (साइबर अटैक) सकते हैं। इंटरनेशनल सॉफ्टवेयर सिक्योरिटी कंपनी केस्पेरस्की लैब ने कहा कि चीन, रूस और अमेरिका जैसे देशों के साइबर अपराधियों का खतरा भारत मंडरा रहा है। कंपनी ने कहा कि ऐसे अपराधी लगातार एडवांस्ड परसिसटेंट थ्रेट (एपीटी) अटैक कर रहे हैं।

डेटा जोरी के लिए किया जाता है एपीटी का इस्तेमाल

एपीटी ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसमें हमलावर किसी के नेटवर्क में घूस जाते हैं और लंबे समय तक वहां बिना पकड़ बने रहते हैं। इस हमले का उद्देश्य डेटा चुराना होता है और इसका गलत इस्तेमाल कर ऑर्गेनाइजेशन और यूजर को लंबे समय के लिए नुकसान पहुंचाना होता है।

लगातार बढ़ रहा है एपीटी अटैक

केस्परस्की लैब के डिप्टी डायरेक्टर (ग्लोबल रिसर्च टीम) सर्गेइ नोविकोव ने कहा, ग्लोबल स्तर पर एपीटी हमले बढ़ रहे हैं और भारत को प्रभावित करने वाले अटैक भी बढ़े हैं। ये हमले चीन, अमेरिका और रूस सहित अन्य देशों से हो रहे हैं। इक्वेटन, टुर्ला, डार्कहोटल, रेगिन व क्लाउड एटलस जैसे हमलों ने भी भारत को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि 2012 में तीन एपीटी अटैक की घोषणा हुई थी, यह संख्या 2013 में बढ़कर सात, 2014 में 11 और 2015 की पहली छमाही में 10 रही। गौरतलब है 2013 में अमेरिकी में इसी तरह का साइबर अटैक हुआ था। उस समय अमेरिकी कंपनी ने अटैक के पीछे चीन की सेना का हाथ होने का आरोप लगाया था। जबकि चीन ने किसी भी तरह के साइबर अटैक में शामिल होने से इनकार कर दिया था।

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