Saturday, April 20, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. भारत की आर्थिक, राजनीतिक प्रणाली में परिपक्वता की कमी, CEA अरविंद सुब्रमण्‍यन ने जताई चिंता

भारत की आर्थिक, राजनीतिक प्रणाली में परिपक्वता की कमी, CEA अरविंद सुब्रमण्‍यन ने जताई चिंता

मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्‍यन ने कहा कि भारत की आर्थिक और राजनीतिक प्रणालियों में नपेतुले हस्तक्षेप की परिपक्वता का अभाव है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: March 02, 2017 16:25 IST
भारत की आर्थिक, राजनीतिक प्रणाली में परिपक्वता की कमी, CEA अरविंद सुब्रमण्‍यन ने जताई चिंता- India TV Paisa
भारत की आर्थिक, राजनीतिक प्रणाली में परिपक्वता की कमी, CEA अरविंद सुब्रमण्‍यन ने जताई चिंता

नई दिल्‍ली। मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) अरविंद सुब्रमण्‍यन ने कहा कि भारत की  आर्थिक और राजनीतिक प्रणालियों में नपेतुले हस्तक्षेप की परिपक्वता का अभाव है, जिसके कारण वह अक्सर प्रतिबंध और अंकुशों पर उतर आती है।

यहां एक कार्यक्रम में उन्‍होंने इस बात पर चिंता जताई कि भारत में न्यायपालिका ने विधायिका से अधिक अधिकार हासिल कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज भी कुछ अधिक ही मुकदमेबाज समाज हो गया है।

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने देश में स्वतंत्र नियामकीय संस्थानों की वकालत की और कहा कि ये संस्थाएं राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त होनी चाहिए।

सुब्रमण्यन ने कहा,

मेरा मानना है कि भारत में नियामकीय संस्थाएं अभी विकास के क्रम में हैं। मुझे नहीं लगता कि हमने अभी नियामकीय संस्थानों के मामले में वह परिपक्वता हासिल कर ली है, जो होनी चाहिए। इस मामले में हमें ईमानदारी से सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए।

  • उन्‍होंने विभिन्न संस्थानों में क्षमता निर्माण पर जोर दिया।
  • मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि हमारी आर्थिक और राजनीतिक प्रणाली ने अभी वह परिपक्वता हासिल नहीं की है, जिसमें हम समस्याओं के समाधान के लिए सधे तरीके से हस्तक्षेप करें।
  • प्रतिस्पर्धा नीति के क्षेत्र में मेरा मानना है कि जहां भी जरूरी हो वहां नपे तुले अंदाज में हस्तक्षेप किया जाना चाहिए।
  • उन्‍होंने कहा कि निश्चित तौर पर सभी विनियामकीय संस्थाएं राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त होनी चाहिए।
  • उन्होंने कहा कि कुछ भी हो, हर मामला अपील में चला जाता है। इस तरह हमारा समाज बहुत अधिक मुकदमेबाजी करने वाला समाज बन गया है।
  • न्यायापालिका और न्यायपालिका जैसी संस्थाओं ने विधायिका से ज्यादा अधिकार हालिस कर लिए हैं।
  • उन्होंने इसी संदर्भ में दिवालिया इकाइयों से निपटने के लिए नए कानून को महत्वपूर्ण बताया।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement