नई दिल्ली। रेलवे में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एक बार फिर पटरी पर आने की संभावना है। ब्रोकिंग कंपनी मोर्गन स्टेनले ने कहा है कि भारत में रेलवे सुविधाओं को उन्नत और बेहतर बनाने के लिये अगले पांच साल के दौरान 95 अरब डालर (6.34 लाख करोड़ रुपए) राशि का निवेश किया जा सकता है। रेलवे की यह रफ्तार देश की मैन्युफैक्चरिंग के लिए भी ग्रोथ इंजन बन सकता है।
मोर्गन स्टेनले की रिसर्च यूनिट ने अपनी हाल की रिपोर्ट में कहा है कि इससे भारत की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कंपटीटिवनेस बढ़ सकती है। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि भारतीय रेलवे हाल के वर्षों में कम निवेश और कमजोर नीतियों का शिकार रही है। रिपोर्ट तैयार करने वाले मोर्गन स्टेनले के इंडस्ट्रियल एनालिस्ट अक्षय सोनी का मानना है कि रेलवे में पुराने समय से ही डिलीवरी की कमियां रहीं जिससे संशय बना रहता था लेकिन इस बार इसमें बदलाव आ सकता है।
सोनी का अनुमान है कि अगले पांच साल में भारतीय रेलवे 95 अरब डालर खर्च कर सकता है जिसके परिणाम स्वरूप सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2014-15 से लेकर 2018-19 तक पांच साल के दौरान 12 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की जा सकती है। रिपोर्ट के अनुसार यह स्पष्ट है कि भारत की परिवहन सुविधाओं की चुनौती से निपटने के लिये रेलवे में सुधार ही उसका जवाब है।