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कालाधन: 2018 से स्वत: सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं भारत, स्विट्जरलैंड

कालेधन के खिलाफ लड़ाई में सहयोग बढ़ाते हुए भारत और स्विट्जरलैंड के बीच कालेधन के मामले में सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की शुरुआत 2018 से हो सकती है।

Sachin Chaturvedi Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: June 15, 2016 22:12 IST
कालाधन: 2018 से स्वत: सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं भारत, स्विट्जरलैंड- India TV Paisa
कालाधन: 2018 से स्वत: सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं भारत, स्विट्जरलैंड

नई दिल्ली। कालेधन के खिलाफ लड़ाई में सहयोग बढ़ाते हुए भारत और स्विट्जरलैंड ने कहा कि दोनों देशों के बीच कालेधन के मामले में सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की शुरुआत 2018 से हो सकती है। दोनों देशों ने कहा है कि एक दल जल्द ही स्विट्जरलैंड जाएगा, जिससे भारतीयों के स्विस बैंकों में खातों पर लंबित सूचनाओं को तेजी से जारी किया जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति जोहान श्नाइडर अम्मान के बीच जिनीवा में 6 जून को हुई बैठक के बाद आज स्विट्जरलैंड के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। इस बैठक में व्यापक द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय कर तथा वित्तीय मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया।

राजस्व सचिव हसमुख अधिया तथा आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास के साथ हुई बैठक में स्विट्जरलैंड के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय मामलों के एक शीर्ष अधिकारी जैकस डे वाटविले ने कहा कि स्विट्जरलैंड के पास अब आवश्यक कानूनी आधार है, जिससे सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान को लागू किया जा सकता है। इस बारे में एक द्विपक्षीय करार इस साल के अंत तक हो सकता है।

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वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि एक बार इस करार पर दस्तखत होने के बाद भारत के लिए स्विट्जरलैंड में भारतीयों के खातों के बारे में 2018 से स्वत: सूचना पाना संभव हो जाएगा। दोनों देशों के विशेषज्ञों सितंबर, 2016 के मध्य में मिलेंगे और आपसी सहमति वाले सूचनाओं के आदान-प्रदान के तौर तरीकों पर विचार करेंगे, जिससे जल्द से जल्द संभवत: इस साल के अंत तक इस पर करार हो सके।

बैठक के बाद एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष इस बात से सहमत हैं कि नियमित संपर्क से एक दूसरे की चिंताओं पर साझा समझ बन सकती है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि आग्रहों पर तेजी से और प्रभावी तरीके से जवाब दिया जा सके।

इसकी शुरुआत में भारतीय अधिकारियों का एक दल द्विपक्षीय विचार विमर्श के लिए स्विट्जरलैंड जाएगा जिससे लंबित आग्रहों पर जल्द जवाब पाया जा सके। अधिया ने एक बार फिर भारत के रुख की पुष्टि करते हुए कहा कि स्विट्जरलैंड को सभी मामलों में संधि के अनुरूप सूचनाएं साझा करनी चाहिए। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि चोरी के आंकड़ों पर स्वतंत्र आधार पर की गई जांच के बाद भेजे गए कई आग्रहों में प्रगति हुई है। बाद में अधिया ने ट्वीट किया, शुरआत में स्विट्जरलैंड लंबित सूचना आग्रहों के तेजी से निपटान करेगा।

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