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सर्विस सेक्‍टर के दम पर पीएमआई ने लगाई अक्‍टूबर में लंबी छलांग, जुलाई के बाद सबसे बड़ी तेजी

नये कारोबारी ऑर्डर बढ़ने के चलते नियुक्तियों में हुयी मजबूत वृद्धि से सेवा क्षेत्र की गतिविधियां जुलाई के बाद अक्टूबर में सबसे तेज गति से बढ़ी हैं। एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई।

India TV Paisa Desk Written by: India TV Paisa Desk
Published on: November 05, 2018 13:10 IST
PMI- India TV Paisa

PMI

नये कारोबारी ऑर्डर बढ़ने के चलते नियुक्तियों में हुयी मजबूत वृद्धि से सेवा क्षेत्र की गतिविधियां जुलाई के बाद अक्टूबर में सबसे तेज गति से बढ़ी हैं। एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई। निक्केई इंडिया सर्विसेज व्यापार गतिविधि सूचकांक सितंबर के 50.9 से बढ़कर अक्तूबर में 52.2 हो गया। सेवा क्षेत्र के पीएमआई में लगातार पांच महीने तेजी दर्ज की गयी है। पीएमआई के तहत 50 से अधिक का मतलब विस्तार और उससे कम अंक संकुचन को बताता है। 

पैनलिस्टों के मुताबिक, ऑडरों में मजबूत सुधार से उत्पादन में उछाल आया है। इस दौरान, बाजार परिस्थितियां अनुकूल रहीं, ग्राहकों का आधार बढ़ा और विज्ञापन का फायदा मिला। रोजगार के मोर्च पर, देश के सेवा प्रदाताओं ने कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि जारी रखी। सेवा क्षेत्र में मार्च 2011 के बाद से रोजगार में दूसरी सबसे मजबूत वृद्धि दर्ज की गयी है। इस बीच, निक्केई इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट सूचकांक सितंबर में 51.6 से बढ़कर अक्टूबर में 53 पर पहुंच गया। यह निजी क्षेत्र की गतिविधियों में जुलाई के बाद सबसे मजबूत वृद्धि को दर्शाता है। 

आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री और रिपोर्ट तैयार करने वाली पोलयाना डी लीमा ने कहा, "पीएमआई सर्वेक्षण 2018-19 की तीसरी तिमाही की शुरुआत में अच्छी आर्थिक वृ्द्धि का संकेत देता है। यह निजी क्षेत्र में सुधार को दर्शाता है, जो कि सितंबर में 4 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था।" कीमत के मोर्चे पर लागत में कमी आने से बिक्री कीमतों में मामूली वृद्धि हुयी। लीमा ने कहा, "अक्टूबर में लागत मूल्य में कमी आई है लेकिन सेवा प्रदाता लगातार लागत बढ़ाने की बात कह रहे हैं खासकर खाद्य एवं ईंधन में।" उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि से कंपनियों का खर्च बढ़ेगा। सर्वेक्षण में कहा गया है कि कारोबारी धारणा अभी भी मजबूत बनी हुयी है। यह राजनीतिक अनिश्चितता से प्रभावित हो सकती है। लीमा ने कहा कि बढ़ती अनिश्चितता को देखते हुये कंपनियां सुरक्षात्मक रुख अपना रही हैं। 

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