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कालेधन के खिलाफ नोटबंदी को इंडिया रेटिंग्स ने बताया बे-असर, जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाया एक प्रतिशत

नोटबंदी के बाद वित्त वर्ष 2016-17 के लिए इंडिया रेटिंग्स ने अपने जीडीपी वृद्धि अनुमान को संशोधित करते हुए 6.8 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 7.8 प्रतिशत था।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: December 02, 2016 20:33 IST
कालेधन के खिलाफ नोटबंदी को इंडिया रेटिंग्स ने बताया बे-असर, जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाया एक प्रतिशत- India TV Paisa
कालेधन के खिलाफ नोटबंदी को इंडिया रेटिंग्स ने बताया बे-असर, जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाया एक प्रतिशत

मुंबई। नोटबंदी के बाद वित्त वर्ष 2016-17 के लिए इंडिया रेटिंग्स ने अपने जीडीपी वृद्धि अनुमान को संशोधित करते हुए 6.8 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 7.8 प्रतिशत था। इंडिया रेटिंग्स का कहना है कि नोटबंदी से इस वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 1.5 लाख करोड़ रुपए की कमी आ सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है,

हम 2016-17 के लिए जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत कर रहे हैं, जो पिछले अनुमान 7.8 प्रतिशत से एक प्रतिशत कम है। अनुमान में यह संशोधन नौ नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद अर्थव्यवस्था में विभिन्न स्तरों पर आई कमी और व्यवधान को देखते हुए किया गया है। हमारे आकलन के मुताबिक इससे अर्थव्यवस्था को 1.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होने की संभावना है।

  • रिपोर्ट के अनुसार सरकार का दावा है कि यह कदम कालेधन को समाप्त करने के लिए उठाया गया है।
  • इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि इस कदम करीब 4,000 अरब रुपए का कालाधन और नकली मुद्रा नष्ट होगी।
  • इस कदम से कालेधन की अर्थव्यवस्था का मात्र 12 प्रतिशत ही खत्म होगा, जबकि 88 प्रतिशत प्रणाली में बना रहेगा।
  • वैश्विक अनुभव बताते हैं कि इस तरह के कदमों का प्रभाव लघु अवधि में ही रहता है और यह काले धन को पैदा करने वाली प्रणालियों पर प्रहार नहीं करता है।
  • गौरतलब है कि देश में इससे पहले दो बार वर्ष 1946 और 1978 में नोटबंदी की जा चुकी है।

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