Tuesday, April 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. भारत के इतिहास में हुआ पहली बार, वित्त वर्ष 2017 में देश में नहीं होगी बिजली की कमी

भारत के इतिहास में हुआ पहली बार, वित्त वर्ष 2017 में देश में नहीं होगी बिजली की कमी

इतिहास में पहली बार भारत ने यह दावा किया है कि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान बिजली की कोई कमी नहीं होगी।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: June 03, 2016 18:43 IST
No Power Cut: भारत के इतिहास में हुआ पहली बार, वित्त वर्ष 2016-2017 के दौरान देश में नही होगी बिजली की कमी- India TV Paisa
No Power Cut: भारत के इतिहास में हुआ पहली बार, वित्त वर्ष 2016-2017 के दौरान देश में नही होगी बिजली की कमी

नई दिल्ली। इतिहास में पहली बार भारत ने यह दावा किया है कि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान बिजली की कोई कमी  नहीं होगी। एक अधिकारी ने कहा कि यह मौजूदा सरकार द्वारा ईंधन की कमी को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों का नतीजा है। केंद्रिय विधुत आयोग द्वारा जारी किए गए ताजा आकड़ों के अनुसार देश में पीक ऑवर्स के समय 3.1 फीसदी अतिरिक्‍त बिजली और नॉन पीक ऑवर्स में 1.1 फीसदी अधिक बिजली होगी।

यह पहली बार है कि देश में बिजली की कोई कमी न होने की घोषणा की गई है। कई क्षेत्रों में छोटी अवधि के लिए सरप्‍लस बिजली उपलब्‍ध है। 2015-16 में पीक ऑवर्स में बिजली की कमी -3.2 फीसदी, जबकि नॉन पीक ऑवर्स में -2.1 फीसदी थी। दस साल पहले बिजली की कमी तकरीबन 13 फीसदी तक थी। बढ़ी मांग और आपूर्ति के बीच के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि जून से देश में जरूरत से ज्‍यादा बिजली उपलब्‍ध होगी। आधे से ज्‍यादा राज्‍यों के पास सरप्‍लस बिजली होगी, जबकि अन्‍य को अलग-अलग मात्रा में कमी का सामना करना होगा।

यह भी पढ़ें- वर्ष 2021-22 तक 5.6% तक पहुंच सकती है बिजली की कमी, पावर सेक्‍टर में सात फीसदी सालाना वृद्धि की जरूरत

एनडीए सरकार का कहना है कि सरप्‍लस बिजली उसकी एक बड़ी सफलता है। कोयला उत्‍पादन, जो कई सालों से स्थिर था, में आश्‍चर्यजनक ढंग से वृद्धि हुई है, इससे कई बंद पड़े पावर प्‍लांट को दोबारा चालू कर बिजली पैदा करने में मदद मिली है। सरकार ने राज्‍यों की वितरण कंपनियों की सेहत सुधारने के लिए भी एक उच्‍च योजना शुरू की है, जिनकी पावर प्‍लांट और ग्राहकोें के बीच महत्‍वपूर्ण भूमिका है।

विशेषज्ञों का कहना है कि सरप्‍लस बिजली की स्थिती पूरे देश के लिए एक औसत है हालांकि कुछ क्षेत्रों को कम मात्रा में कमी का सामना करना होगा। सरप्‍लस बिजली इस बात का भी संकेत है कि राज्‍यों की वितरण कंपनियों की बिजली मांग को पूरा किया जा रहा है। पूर्व बिजली मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि भाजपा सरकार केवल अपनी योजनाओं का प्रचार कर रही है और ऐसे समय में जब बिजली कटौती हो  रही है सरकार जनता को गुमराह कर रही है।

CEA के आंकडे यह दर्शाते हैं कि दक्षिण भारत में 3.3 फीसदी बिजली सरप्‍लस है। आंकड़े यह भी बताते हैं कि 2,000 मेगावॉट के नए पावर प्‍लांट्स भी यहां जल्‍द ही चालू होने वाले हैं। पश्चिमी भारत में 6.9 फीसदी सरप्‍लस बिजली होगी। पूर्वी क्षेत्र में अधिकतम 10.3 फीसदी की कमी होगी और  पूर्वोत्तर क्षेत्र में यह कमी 8.3 फीसदी की होगी। पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में साल के दौरान 1.8 फीसदी बिजली की कमी होगी।

यह भी पढ़ें- बिजली कंपनियों पर होगी कारवाई, उपभोक्ता को मिलेगा मुआवजा: दिल्ली सरकार

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement