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Lack of Manpower: कर्मचारियों की कमी से जूझ रही है भारत सरकार, कई विभागों में नहीं हैं पर्याप्‍त अधिकारी

1.2 अरब लोगों की आबादी वाले देश भारत के पास सरकारी कर्मचारियों की भारी कमी है। वेतन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कुल 33 लाख केंद्रीय कर्मचारी हैं।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Updated on: November 26, 2015 9:43 IST
Lack of Manpower: कर्मचारियों की कमी से जूझ रही है भारत सरकार, कई विभागों में नहीं हैं पर्याप्‍त अधिकारी- India TV Paisa
Lack of Manpower: कर्मचारियों की कमी से जूझ रही है भारत सरकार, कई विभागों में नहीं हैं पर्याप्‍त अधिकारी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग द्वारा हाल ही में की गई सिफारिशों को लेकर देश चर्चा का माहौल गर्म है। इसके लागू होने से सरकार पर सालाना 1.02 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। लेकिन, असल में 1.2 अरब लोगों की आबादी वाले देश भारत में सरकारी कर्मियों की भारी कमी है। वेतन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कुल 33 लाख केंद्रीय कर्मचारी हैं। अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो अमेरिका के मुकाबले देश में प्रति नागरिक सरकारी कर्मचारियों की संख्या काफी कम है। रिपोर्ट के अनुसार देश में 1 लाख लोगों पर सिर्फ 139 सरकारी कर्मचारी हैं, जबकि अमेरिका में 1 लाख नागरिकों पर 668 सरकारी कर्मचारी हैं। देश में सबसे ज्यादा कर्मचारी रेलवे और डाक विभाग के पास हैं।

प्रमुख कार्यों के लिए भी नहीं सरकार के पास कर्मचारी

रिपोर्ट के अनुसार सरकार के प्रमुख कर्मचारियों की संख्या बेहद कम है। सितम्बर 2015 तक मंत्रालयों के सचिवालय में सिर्फ 23,860 कर्मचारी हैं। ये मूलतः वह कर्मचारी हैं जो सरकार के लिए नीतियों का निर्माण करते हैं, उन्‍हें लागू करते हैं और इन पर निगरानी भी रखते हैं। इसमें डायरेक्टर्स, सेक्शन ऑफिसर, असिस्टेंट्स, सेक्रेट्री और ज्वाइंट सेक्रेट्री स्‍तर के अधिकारी शामिल हैं। जब अहम सरकारी कामों के लिए ही कर्मचारी नहीं हैं तो सोचने की बात है की बाकी काम कैसे होता होगा।

रेलवे और डाक विभाग में सबसे ज्यादा कर्मचारी केंद्र सरकार के पास रेलवे और डाक विभाग में सबसे ज्यादा कर्मचारी है। 2014 के आंकड़ों के अनुसार दोनों विभाग को मिलाकर कुल 15 लाख कर्मचारी थे। रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय (जिसके पास पुलिस और रक्षा सहित सभी सुरक्षा संबंधी यूनिट है) में भी बड़ी संख्या में कर्मचारी है।

मंजूर पदों और वास्तविकता में बड़ा अंतर  

लेकिन, सरकार वास्तव में कम कम स्टाफ से जूझ रही है। वास्तविक संख्या और मंजूर पदों के बीच एक बड़ा अंतर है। उदाहरण के लिए, 1 जनवरी 2014 तक सरकार ने 40.4 लाख पदों को मंजूर किया था। लेकिन इन पदों में केवल 3.30 लाख लोग थे।

बेसिक सैलरी 7,000 से बढ़कर हो सकती है 18,000

यदि किसी केंद्रीय कर्मी की बेसिक पे वर्तमान में 7,000 रुपए है तो अगले साल एक जनवरी से उसकी बेसिक पे बढ़कर 18,000 रुपए हो सकती है। बेसिक पे में ढाई गुना की वृद्धि और पेंशनर्स को मिलने वाली पेंशन में 24 फीसदी की वृद्धि संभव है, यदि केंद्र सरकार जस्टिस एके माथुर की अध्‍यक्षता वाले 7th Pay commission की सिफारिशों को बिना किसी बदलाव के लागू कर देती है। वेतन आयोग ने एक जनवरी 2016 से वेतन वृद्धि की सिफारिश की है। गुरुवार को आयोग ने अपनी रिपोर्ट वित्‍त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी है।

Source: Quartz India

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