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Sign Of Progress: चेक और डॉफ्ट से ज्यादा होने लगे ऑनलाइन पेमेंट, ब्लैकमनी पर लगेगी लगाम

देश में ई-पेमेंट का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2015 में लोगों ने चेक और बैंक ड्राफ्ट से अधिक पेमेंट इलेक्ट्रॉनिक्स तरीकों से किया है।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Updated on: January 16, 2016 9:33 IST
Sign Of Progress: चेक और डॉफ्ट से ज्यादा होने लगे ऑनलाइन पेमेंट, ब्लैकमनी पर लगेगी लगाम- India TV Paisa
Sign Of Progress: चेक और डॉफ्ट से ज्यादा होने लगे ऑनलाइन पेमेंट, ब्लैकमनी पर लगेगी लगाम

नई दिल्ली। देश में ई-पेमेंट का रुझान तेजी से बढ़ रहा है और ऐसा हो भी क्यों ना जब सरकार खुद इसे बढ़ावा दे रही हो। नवंबर 2015 में लोगों ने चेक और बैंक ड्राफ्ट से अधिक पेमेंट इलेक्ट्रॉनिक्स तरीकों से किया है। अब स्कूल, कॉलेज से लेकर ज्यादातर सरकारी कामों के लिए ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा मिलने लगी है। यही वजह है कि देश में ई-पेमेंट का चलन बढ़ रहा है। आगामी बजट में सरकार पेपरलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए कुछ रियायतों को बढ़ावा दे सकती है, जो देश में ई-पेमेंट के तेज विकास में सहायक होगा।

चेक और बैंक ड्राफ्ट से पेमेंट हुई पुरानी बात

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, भुगतान के तरीको में उलट-फेर पहली बार सितंबर 2015 में देखा गया। पिछले साल नवंबर में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कुल 6,32,587 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया, जबकि पेपर माध्य (जैसे चेक और ड्राफ्ट) से 6,17,845 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए हैं। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक केंद्रीय मंत्रालय के ड्राफ्ट का यह असर हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार देश में नॉन-कैश ट्रांजैक्शन लागू करना चाहती है। इसके लिए प्रोतसाहन भी देने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि सरकार इसको अप्रैल में लागू कर सकती है।

पेमेंट करना होगा आसानब्लैकमनी पर लगेगी लगाम

इलेक्ट्रॉनिक मीडियम के जरिए भुगतान करने से न केवल समय की बचत होती है, बल्कि आसानी से डेटा भी मेनटेन किया जा सकता है। इसके अलावा ऑनलाइन पेमेंट से ब्लैकमनी पर पैनी नजर रखी जा सकती है। इसलिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने प्री-बजट मीटिंग में वित्त मंत्री अरुण जेटली को कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए कुछ रियायतें दिए जाने का सुझाव दिया है।

कैशलेस ट्रांजेक्शन पर सरकार देगी इनसेंटिव

सरकार देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के इनसेंटिव प्रोग्राम को प्रमोट कर सकती है। ऐसा कुछ हो सकता कि सरकार उन लोगों को ज्यादा सरकारी योजनाओं का लाभ देगी, जो कैश कि जगह ऑनलाइन लेन-देन करेंगे। सभी सरकारी विभाग 31 मार्च को खत्म हो रहे वर्ष के अंत तक सभी भुगतान और प्राप्तियों के लिए ई-लेनदेन को सुविधाजनक बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

भारत में बड़े पैमाने पर नोट और सिक्कों का होता है इस्तेमाल

देश में जीडीपी का बड़ा हिस्सा नोट और सिक्कों के रूप में इस्तेमाल होता है। मास्टरकार्ड इंक के सर्वे के मुताबिक भारत में जीडीपी का 12.4 फीसदी कैश इस्तेमाल किया जाता है, जो कि छोटे विकासशील देशों से भी अधिक है। ब्राजील में 3.93 फीसदी, मैक्सिको में 5.32 फीसदी और दक्षिण अफ्रीका में 3.72 फीसदी कैश का इस्तेमाल किया जाता है।

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