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IMF ने भारत को दिया त्रिपक्षीय ढांचागत सुधार का सुझाव, कॉरपोरेट और बैंकिंग सेक्‍टर की हालत बेहतर करना है जरूरी

IMF में एशिया प्रशांत के उप निदेशक केनेथ कांग ने कहा कि एशिया का परिदृश्य अच्छा है और यह मुश्किल सुधारों के साथ भारत को आगे ले जाने का महत्वपूर्ण अवसर है।

Manish Mishra Manish Mishra
Published on: October 14, 2017 15:44 IST
IMF ने भारत को दिया त्रिपक्षीय ढांचागत सुधार का सुझाव, कॉरपोरेट और बैंकिंग सेक्‍टर की हालत बेहतर करना है जरूरी- India TV Paisa
IMF ने भारत को दिया त्रिपक्षीय ढांचागत सुधार का सुझाव, कॉरपोरेट और बैंकिंग सेक्‍टर की हालत बेहतर करना है जरूरी

वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत के लिए त्रिपक्षीय ढांचागत सुधार दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव दिया है। इसमें कॉरपोरेट और बैंकिंग क्षेत्र को कमजोर हालत से बाहर निकालना, राजस्व संबंधी कदमों के माध्यम से वित्‍तीय एकीकरण को जारी रखना और श्रम एवं उत्पाद बाजार की क्षमता को बेहतर करने के सुधार शामिल हैं। IMF में एशिया प्रशांत विभाग के उप निदेशक केनेथ कांग ने कहा कि एशिया का परिदृश्य अच्छा है और यह मुश्किल सुधारों के साथ भारत को आगे ले जाने का महत्वपूर्ण अवसर है।

कांग ने कहा कि ढांचागत सुधारों के मामले में तीन नीतियों को प्राथमिकता देनी चाहिए। पहली प्राथमिकता कॉरपोरेट और बैंकिंग क्षेत्र की हालत को बेहतर करना है। इसके लिए गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA) के समाधान को बढ़ाना, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी आधिक्य का पुनर्निर्माण और बैंकों की ऋण वसूली प्रणाली को बेहतर बनाना होगा।

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दूसरी प्राथमिकता भारत को राजस्व संबंधी कदम उठाकर अपने राजकोषीय एकीकरण की प्रक्रिया को जारी रखना चाहिए। साथ ही सब्सिडी के बोझ को भी कम करना चाहिए। कांग के अनुसार, तीसरी प्राथमिकता बुनियादी ढांचा अंतर को पाटने के लिए ढांचागत सुधारों की गति बनाए रखना और श्रम एवं उत्पाद बाजार की क्षमता का विस्तार होना चाहिए। साथ ही कृषि सुधारों को भी आगे बढ़ाना चाहिए।

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श्रम बाजार सुधारों पर एक प्रश्न के उार में कांग ने कहा कि निवेश और रोजगार की खातिर अधिक अनुकूल माहौल बनाने के लिए बाजार नियमनों में सुधार किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों की संख्या घटाई जानी चाहिए जो अभी केंद्र और राज्य के स्तर पर कुल मिलाकर करीब 250 हैं। उनके अनुसार, भारत को इसके साथ ही लिंगभेद को खत्म करने भी ध्यान देना चाहिए ताकि देश में महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिल सकें।

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