Thursday, April 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने राजकोषीय प्रोत्साहन की वकालत की, आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए बताया जरूरी

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने राजकोषीय प्रोत्साहन की वकालत की, आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए बताया जरूरी

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन की वकालत की है।

Manish Mishra Manish Mishra
Updated on: October 16, 2017 19:32 IST
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने राजकोषीय प्रोत्साहन की वकालत की, आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए बताया जरूरी- India TV Paisa
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने राजकोषीय प्रोत्साहन की वकालत की, आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए बताया जरूरी

नई दिल्ली नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन (फिस्‍कल स्‍टिमुलस) की वकालत की है। हालांकि, उन्होंने कहा है कि अतिरिक्त व्यय का उपयोग केवल उत्पादकता बढ़ाने और पूंजी व्यय में किया जाना चाहिए। आर्थिक वृद्धि में नरमी के बीच उद्योग सरकार से प्रोत्साहन पैकेज की मांग कर रहा है। कुमार ने कहा कि मुझे राजकोषीय प्रोत्साहन का मामला दिखाई देता है। हालांकि, उन्होंने साथ में यह भी जोड़ा कि अतिरिक्त व्यय का उपयोग सही तरीके से किया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें : 6 महीने में बिक गए 1 करोड़ से ज्यादा टू-व्हीलर, कुल वाहन बिक्री सवा करोड़ से अधिक

उल्लेखनीय है कि वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कल वाशिंगटन में एक सवाल के जवाब कहा था कि उन्होंने राजकोषीय प्रोत्साहन का कोई वादा नहीं किया है। अमेरिका यात्रा पर गए जेटली ने वहां कहा कि मैंने कभी राजकोषीय प्रोत्साहन शब्द का उपयोग नहीं किया। मैंने कहा कि हम स्थित के मुताबिक कदम उठाएंगे और आपकी बिरादरी ने उसका मतलब प्रोत्साहन से लगा लिया। राजकोषीय प्रोत्साहन को लेकर जारी अटकलों के बीच वित्‍त मंत्री ने यह बात कही है।

आर्थिक वृद्धि में लगातार छह तिमाहियों में गिरावट के बाद ऐसी अटकलें हैं कि सरकार राजकोषीय प्रोत्साहन दे सकती है जो 40,000 करोड़ रुपए से अधिक हो सकता है। चालू वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही जो तीन साल का न्यूनतम स्तर है।

वित्‍त मंत्रालय ने 2017-18 के लिये राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.2 प्रतिशत और अगले वित्‍त वर्ष में 3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए अगर राजकोषीय प्रोत्साहन दिया जाता है तो इससे राजकोषीय घाटा बढ़ेगा। विशेषज्ञ राजकोषीय प्रोत्साहन के खिलाफ दलील दे रहे हैं, उनका कहना है कि यह राजकोषीय सुदृढ़ीकरण को कमजोर करेगा।

यह भी पढ़ें : सितंबर में घटी थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर, खाद्य पदार्थ और सब्जियां हुईं सस्‍ती

राजकोषीय प्रोत्साहन को लेकर जताई जा रही आशंका पर उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कैसे सरकारी व्यय बढ़ाते हैं, अगर आप ऐसे ही पैसा फेंकते हैं, इसी तरह बांटते हैं, तब निश्चित रूप से यह गलत संकेत देगा। कुमार ने कहा, लेकिन अगर आप उत्पादकता बढ़ाते हैं और अधिक सड़कें, हवाईअड्डे, रेलवे में पूंजी निवेश बढ़ाते हैं, कोई भी यह दलील नहीं दे सकता है कि यह गलत संकेत देगा।

उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन धन का उपयोग निवेश बढ़ाने, मांग में वृद्धि और भौतिक तथा ग्रामीण बुनियादी ढांचा में सुधार में किया जाना चाहिए प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की हाल में हुई बैठक में राजकोषीय सुदृढ़ीकरण की दिशा में जारी पहल पर कायम रहने को लेकर सहमति जताई गई। परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबराय ने बैठक के बाद कहा था कि इस बात को सदस्यों में सहमति है कि राजकोषीय सुदृढीकरण की दिशा में की जा रही पहल से भटकना नहीं चाहिए।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement