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ऊंचे व्यापार घाटे से तीसरी तिमाही में चालू खाता घाटा बढ़कर हुआ 2%, पहुंचा 13.5 अरब डॉलर पर

चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के दो प्रतिशत पर पहुंच गया है। दिसंबर में समाप्त इस तिमाही में यह 13.5 अरब डॉलर रहा।

Abhishek Shrivastava Edited by: Abhishek Shrivastava
Published on: March 16, 2018 20:57 IST
current account defecite- India TV Paisa
current account defecite

नई दिल्‍ली। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के दो प्रतिशत पर पहुंच गया है। दिसंबर में समाप्त इस तिमाही में यह 13.5 अरब डॉलर रहा। एक साल पहले इसी तिमाही में यह आठ अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.4 प्रतिशत था। रिजर्व बैंक के आज जारी आंकड़ों में यह जानकारी देते हुए कहा गया है कि ऊंचे व्यापार घाटे की वजह से तीसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा बढ़ा है। 

केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के मुताबिक इससे पहले दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा यानी कैड 7.2 अरब डॉलर रहा था, जो कि जीडीपी का 1.1 प्रतिशत था। रिजर्व बैंक की यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि साल दर साल आधार पर कैड में यह वृद्धि प्राथमिक तौर पर ऊंची व्यापार घाटे की वजह से आई है। यह व्यापार घाटा तीसरी तिमाही में बढ़कर 44.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान निर्यात से जुड़े वाणिज्यिक आयात में भारी वृद्धि होने की वजह से व्यापार घाटा बढ़ा है।  

कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से दिसंबर की अवधि में कैड दोगुने से भी अधिक होकर जीडीपी का 1.9 प्रतिशत हो गया, जो कि पिछले साल इसी अवधि में 0.7 प्रतिशत पर था। कैड में यह वृद्धि व्यापार घाटे में भारी वृद्धि की वजह से आई है, जो कि इस दौरान 82.7 अरब डॉलर से बढ़कर 118.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 

तीसरी तिमाही के दौरान सेवा निर्यात से शुद्ध प्राप्ति में 17.8 प्रतिशत वृद्धि हो गई। इसके पीछे मुख्य वजह सॉफ्टवेयर सेवा निर्यात और यात्रा प्राप्तियों से शुद्ध कमाई होना रहा है। 

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