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छुट्टियों में रेलवे के वेटिंग टिकट के कंफर्म होने की संभावना ज्यादा : अध्ययन

वेटिंग लिस्ट के बजाय कंफर्म टिकट से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या पहले के मुकाबले बढ़ी है, पहले के मुकाबले वेटिंग टिकट कम संख्या में रद्द हो रहे हैं

Manoj Kumar Manoj Kumar @kumarman145
Published on: November 19, 2017 15:28 IST
छुट्टियों में रेलवे के वेटिंग टिकट के कंफर्म होने की संभावना ज्यादा : अध्ययन- India TV Paisa
छुट्टियों में रेलवे के वेटिंग टिकट के कंफर्म होने की संभावना ज्यादा : अध्ययन

नई दिल्ली क्या अगली छुट्टियों के लिए बुक कराया गया आपका टिकट अभी प्रतीक्षा सूची में है? चिंता करने की बात नहीं है क्योंकि इस बात की संभावना ज्यादा है कि वह कंफर्म हो जाए। यह जानकारी लोकप्रिय यात्रा पोर्टल रेलयात्री के एक अध्ययन में सामने आयी है। रपट के अनुसार 2015 की दिवाली की छुट्टियों के दौरान कंफर्म नहीं होने के चलते प्रतीक्षा सूची वाले टिकटों में 25.5% टिकटों को रद्द करा दिया गया था। वर्ष 2016 और 2017 में यह स्थिति 18% पर स्थिर रही है। यानि पहले के मुकाबले अब वेटिंग टिकट कम संख्या में रद्द हो रहे हैं।

इससे स्पष्ट होता है कि प्रतीक्षा सूची के बजाय कंफर्म टिकट से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या पहले के मुकाबले बढ़ी है। रेलयात्री के पास एक करोड़ मासिक सक्रिय उपयोक्ता हैं। रपट के अनुसार देहरादून-हावड़ा दून एक्सप्रेस में टिकटों के कंफर्म होने की स्थिति 20% बढ़ी है। मुंबई छत्रपति शिवाजी टर्मिनल-हावड़ा सुपरफास्ट मेल (गया होकर) में यही स्थिति 11%, पुणे-जम्मूतवी झेलम एक्सप्रेस में 12% और बेंगलुरु-दानापुर संघमित्रा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में 5% से ज्यादा बढ़ी है।

इतना ही नहीं औसत प्रतीक्षा सूची में भी पिछले साल के मुकाबले कमी आई है। उदाहरण स्वरूप कोटा-पटना एक्सप्रेस में प्रतीक्षा सूची 813 से घटकर 735 रही है, जबकि अहमदाबाद-हरिद्वार योग एक्सप्रेस में यह संख्या 731 से घटकर 717 हुई है। इसी प्रकार मुंबई-दरभंगा पवन एक्सप्रेस में यह संख्या 800 से घटकर 769 हो गई है। रेलयात्री के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनीष राठी ने कहा, ‘‘हर साल दिवाली के दौरान रेल टिकटों की भारी मांग होती है जिसमें से कई लोगों को प्रतीक्षा सूची के टिकटों या अनिश्चित यात्रा योजना से गुजारा करना होता है। हालांकि इस साल देखा गया कि पहले के मुकाबले कम लोगों को टिकट रद्द करानी पड़ी। यह निश्चित तौर पर एक अच्छा रुख है।’’

राठी और रेल मंत्रालय के अधिकारी दोनों ही इसका श्रेय नयी रेलगाड़ियों और अतिरिक्त कोचों को जाता है जिनकी बदौलत ज्यादा यात्रियों को कंफर्म टिकट देने में मदद मिली है। उल्लेखनीय है कि 2015 से 2017 के दौरान रेलवे ने 152 नयी रेलगाड़ियां शुरु की हैं। साथ ही छुट्टियों के दौरान शुरू की गईं विशेष ट्रेनों ने 64,840 फेरे लगाए।

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