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निर्यातकों को सस्ती दर पर मिलेगा विदेशी मुद्रा में कर्ज, सरकार जल्द जारी करेगी नए नियम

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने निर्यातकों को कर्ज में गिरावट पर चिंता जतायी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि सरकार निर्यातकों को सस्ती दर पर विदेशी मुद्रा में कर्ज देने के लिए जल्द ही दिशानिर्देश जारी करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगले पांच साल में देश का कुल निर्यात 1,000 अरब डॉलर को पार पहुंचाना होगा।

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Published on: September 12, 2019 19:09 IST
Commerce and Industry Minister Piyush Goyal- India TV Paisa

Commerce and Industry Minister Piyush Goyal

नयी दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने निर्यातकों को कर्ज में गिरावट पर चिंता जतायी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि सरकार निर्यातकों को सस्ती दर पर विदेशी मुद्रा में कर्ज देने के लिए जल्द ही दिशानिर्देश जारी करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगले पांच साल में देश का कुल निर्यात 1,000 अरब डॉलर को पार पहुंचाना होगा।

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व्यापार बोर्ड की बैठक को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, 'हम निर्यात कर्ज में गिरावट से चिंतित हैं। हम जल्द ही इस मुद्दे के समाधान के लिये कार्यक्रम की रूपरेखा लाएंगे जो विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों की मदद करेगा।' उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए निर्यातकों को प्रतिस्पर्धी दर पर विदेशी मुद्रा कर्ज सुलभ होगा। इसकी ब्याज दर संभवत: 4 प्रतिशत से कम होगी। 

गोयल ने कहा कि मंत्रालय इस बात का इंतजार कर रहा है कि निर्यात ऋण से जुड़े कुछ मुद्दों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कुछ निर्णय करेंगी। उन्होंने कहा, 'बैंक अधिकारी तैयार हैं और हम जल्दी ही एक रूपरेखा लाएंगे। इसे रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के साथ मिलकर अंतिम रूप दिया जा रहा है।' वित्त वर्ष 2018-19 में निर्यात कर्ज वितरण 23 प्रतिशत घटकर 9.57 लाख करोड़ रुपए रहा जो 2017-18 में 12.39 लाख करोड़ रुपए रहा था। गोयल ने यह भी कहा कि मंत्रालय नये डंपिंग रोधी नियम इस महीने अधिसूचित करेगा। साथ ही मंत्री ने राज्यों से व्यापार बोर्ड की बैठकों में अपने प्रतिनिधियों को भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्यों और मंत्रालयों की भागीदारी से हमारे सहयोग का निर्धारण होगा। 

गोयल ने कहा, 'अगर वरिष्ठ अधिकारी और राज्य के मंत्री यहां नहीं हैं, तो यह गंभीर चिंता का कारण है। मैं इस बारे में संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर सकता हूं।' उन्होंने कहा कि इसी प्रकार अगर निर्यात से संबद्ध केंद्रीय मंत्रालयों से कोई बिना किसी वैध कारण के नहीं आता है और उस बारे में समय पर सूचना नहीं देता है तो मैं इसे गंभीरता से लूंगा। गोयल ने यह भी कहा कि हालांकि, कुल निर्यात 2018-19 में 537 अरब डॉलर रहा, लेकिन भारत को अगले पांच साल में 1,000 डॉलर का निर्यात हासिल करना होगा। 

उन्होंने कहा कि मंत्रालय जल्दी ही 90 प्रतिशत बीमा कवर के साथ निर्यातकों के लिये कर्ज उपलब्ध कराने की योजना लाएगा। फिलहाल बीमा कवर 60 प्रतिशत है। बोर्ड की बैठक के दौरान मंत्री ने एलईएडीएस (लॉजिस्टिक्स ईज एक्रास डिफरेंट स्टेट्स) सूचकांक 2019 जारी किया। सूचकांक में गुजरात शीर्ष पर है। उसके बाद क्रमश: पंजाब और आंध्र प्रदेश का स्थान है। पहाड़ी राज्यों में त्रिपुरा का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ बेहतर प्रदर्शन करने वाला रहा। यह राज्य सरकार के प्रदर्शन का सूचकांक नहीं है बल्कि इसका उपयोग हर राज्य में लाजिस्टिक दक्षता की स्थिति के आकलन में किया जा सकता है। 

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