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ग्लोबल इकोनॉमी की हालात गंभीर और चिंताजनक

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी की हालात गंभीर और चिंताजनक है। इसके कारण विभिन्न देश अपनी प्रणालियों के लिए सुरक्षात्मक उपाय कर रहे हैं।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: April 19, 2016 11:50 IST
ग्लोबल इकोनॉमी की हालात गंभीर और चिंताजनक, ज्यादातर देश तलाश रहे हैं मंदी से बचने के उपाय: जेटली- India TV Paisa
ग्लोबल इकोनॉमी की हालात गंभीर और चिंताजनक, ज्यादातर देश तलाश रहे हैं मंदी से बचने के उपाय: जेटली

न्यूयार्क। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी की हालात गंभीर और चिंताजनक है।  इसके कारण विभिन्न देश अपनी प्रणालियों के लिए सुरक्षात्मक उपाय कर रहे हैं, ताकि अपने-आपको नरमी के बचाया जा सके और अपनी सीमा में ग्रोथ दर्ज की जा सके। जेटली ने कहा, वैश्विक स्थिति चुनौतीपूर्ण है। वैश्विक कारकों ने भारत को भी प्रभावित किया है और वे विशेष तौर पर निर्यात के लिहाज से हमें प्रभावित कर रहे हैं।

एक से दो फीसदी ग्रोथ को माना जाएगा अच्छा

जेटली ने एशिया सोसायटी में कहा, यदि आप मुझसे पूछें कि वैश्विक स्थिति कैसी है तो मुझे लगता है कि यह गंभीर और चिंताजनक है। अगले दो-एक साल में कैसी स्थिति होगी- इसके बारे में मुझे नहीं लगता है कि कोई भी उल्लेखनीय अंदाजा लगाने में कामयाब हुआ है। उनसे यह पूछा गया था कि अगले दो-एक साल में वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में उनका क्या अनुमान है। उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक हालात की चुनौतियों को देखते हुए विभिन्न देशों की आकांक्षा का स्तर ऐसा है कि मौजूदा हालात में एक-दो प्रतिशत आर्थिक ग्रोथ को अच्छी बढ़़ोतरी माना जाता है।

सुस्सी से निपटने में जुटा चीन

जेटली ने कहा कि चीन उल्लेखनीय रूप से आशावादी है क्योंकि पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि शेष दुनिया की तरह चीन की भी अपनी चुनौतियां हैं क्योंकि चीन में बदलाव हो रहा है। वे अब घरेलू खपत और सेवा पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। जेटली ने कहा कि विश्व का हर क्षेत्र अपनी सीमाओं में बेहतरीन प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, कम जिंस मूल्य से कुछ लोग प्रभावित हुए हैं और कुछ को मदद मिली है। कच्चे तेल में नरमी से कुछ लोगों को मदद मिली है जबकि कुछ प्रभावित हुए हैं। हर कोई अपनी प्रणालियों के ईद-गिर्द सुरक्षा दीवार खड़ी करने की कोश्शि कर रहा है ताकि नरमी से अपने-आपको बचाने के लिए उन सीमाओं में कितना अच्छा प्रदर्शन कर सकते है जिनका निर्माण विश्व ने किया है। जेटली ने पिछले सप्ताह वाशिंगटन में विश्वबैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की सालाना बैठक में हिस्सा लिया । उन्होंने यहां कल सीआईआई और एशिया सोसायटी पालिसी इंस्टीच्यूट द्वारा आयोजित एक गोष्ठी में आर्थिक विशेषग्यों, विश्लेषकों और कारोबारी कार्यकारियों को संबोधित किया।

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