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जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट निवेश, मांग में उल्लेखनीय कमी के संकेतः फिक्की

उद्योग मंडल फिक्की ने शनिवार को कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर के लुढ़ककर छह साल से अधिक समय के निचले स्तर पांच प्रतिशत पर आ जाना निवेश एवं उपभोक्ता मांग में 'उल्लेखनीय कमी' को दिखाता है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 31, 2019 17:41 IST
GDP slump signals significant deceleration in investment,...- India TV Paisa

GDP slump signals significant deceleration in investment, consumption: FICCI

नयी दिल्ली: उद्योग मंडल फिक्की ने शनिवार को कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर के लुढ़ककर छह साल से अधिक समय के निचले स्तर पांच प्रतिशत पर आ जाना निवेश एवं उपभोक्ता मांग में 'उल्लेखनीय कमी' को दिखाता है। जीडीपी वृद्धि की सुस्त रफ्तार पर 'गंभीर' चिंता जाहिर करते हुए फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा कि 'जीडीपी वृद्धि दर के हालिया आंकड़े उम्मीद से कमतर हैं और उपभोग एवं निवेश मांग में काफी अधिक कमी को दिखाते हैं।' 

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फिक्की की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक सोमानी ने उम्मीद जाहिर की है कि देश की अर्थव्यवस्था को सुस्ती के दौर से निकालने एवं उसे बेहतर स्थिति में ले जाने के लिए सरकार और केंद्रीय बैंक की ओर से उठाये जा रहे सिलसिलेवार फैसले कारगर साबित होंगे। सोमानी ने कहा, ''बड़े स्तर पर बैंकों के विलय की योजना, एफडीआई नियमों को उदार बनाये जाने एवं प्रोत्साहन पैकेज जैसे फैसले काफी व्यापक हैं और अर्थव्यवस्था की मुख्य समस्याओं के निराकरण से जुड़े हैं।'' पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा कि सरकार और आरबीआई की ओर से हाल में किये गए आर्थिक सुधारों से देश में मजबूत एवं लचीला आर्थिक माहौल बनेगा एवं आने वाली तिमाहियों में जीडीपी वृद्धि दर को मजबूती मिलेगी। 

पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष राजीव तलवार ने कहा, ''सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर बढ़ाये गए अधिभार को वापस लेने, एमएसएमई को लंबित जीएसटी रिफंड के भुगतान जैसे बड़े आर्थिक सुधार प्रेरक हैं और इनसे देश में मजबूत, स्थिर एवं समावेशी वृद्धि का माहौल तैयार होगा।'' आवास विकास क्षेत्र की कंपनियों के शीर्ष संगठन नेशनल रीयल एस्टेट डेवलपमेंट कौंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष डा निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि बैंकों के विलय और सुदृढीकरण का यह निर्णय इस बात का सबूत है कि सरकार अर्थव्यवस्था में उत्साह जगाने को प्रतिबद्ध है। 

उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि ‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस कथन से उद्योग जगत का भरोसा बढ़ा है कि बैंकों को दी जा रही 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी केवल कर्ज सुविधाएं बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि इससे रीयल एस्टेट सहित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को बल मिलेगा। वाहन विनिर्माताओं के मंच ‘सियाम’ के अध्यक्ष राजन वढेरा ने वित्त मंत्री सीतारणम द्वारा शुक्रवार को घोषित नए उपायों पर कहा कि ‘किसी भी अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए एक मजबूत बैंकिंग क्षेत्र की जरूरत होती है।

सरकारी क्षेत्र के बैंकों का विलय , वृद्धि में सहायता के लिए उनको नयी पूंजी देना और संचालन में सुधार , ये सभी निर्णय बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती के लिए प्रगतिशील निर्णय हैं। इनसे भारतीय अर्थव्यवस्था को सही प्रोत्साहन मिलेगा।’ वढेरा ने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं का मनोबल मजबूत होगा और इसके परिणामस्वरूप वाहन बाजार को भी लाभ होगा। 

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