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Paisa Quick: जीडीपी ग्रोथ 7.9% रहने का अनुमान, कंपनियों के गिरवी शेयरों की संख्‍या बढ़ी और भी बहुत कुछ

रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने आज कहा कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय जीडीपी ग्रोथ की दर 7.9 फीसदी रहने का अनुमान है

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: January 18, 2016 21:21 IST
Paisa Quick: जीडीपी ग्रोथ 7.9% रहने का अनुमान, कंपनियों के गिरवी शेयरों की संख्‍या बढ़ी और भी बहुत कुछ- India TV Paisa
Paisa Quick: जीडीपी ग्रोथ 7.9% रहने का अनुमान, कंपनियों के गिरवी शेयरों की संख्‍या बढ़ी और भी बहुत कुछ

नई दिल्‍ली। रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने आज कहा कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय जीडीपी की ग्रोथ रेट 7.9 फीसदी रहने का अनुमान है और 2019 के बाद कई साल तक अर्थव्यवस्था इसी समान दर से वृद्धि कर सकती है। एजेंसी ने अपने सालाना वृद्धि अनुमान परिदृश्य में यह अनुमान लगाया है। इंडिया रेटिंग्‍स का मानना है कि 2016-17 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.9 फीसदी रहेगी। इसके अनुसार, एजेंसी का मानना है कि 2012-13 में निचले स्तर को छूने के बाद जीडीपी में अब तक स्थिर वृद्धि का रुख देखने को मिला है और मध्यावधि स्तर पर इसके बने रहने की उम्मीद है।  इसके अनुसार विभिन्न व्यापक मानक दर्शाते हैं कि आर्थिक मोर्चे पर भारत का प्रदर्शन अपने समकक्ष अन्य देशों की तुलना में अच्छा रहा है तथा आगे भी अच्छा रहने की उम्मीद है।

भारतीय कंपनियों के गिरवी शेयरों का आंकड़ा दो लाख करोड़ रुपए के पार 

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की सूचीबद्ध कंपनियों के प्रवर्तकों के गिरवी रखे शेयरों का आंकड़ा 2015 के अंत तक सात साल के उच्चस्तर 2.03 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। यह एक साल पहले की तुलना में 14 फीसदी अधिक है। प्राइम डाटाबेस के प्रबंध निदेशक पृथ्वी हल्दिया ने बताया कि शेयर बाजारों में गिरावट को देखते हुए यह इस बात का संकेत है कि इस समय वित्तीय दबाव ऊंचे स्तर पर है। प्रवर्तकों द्वारा धन जुटाने के लिए शेयर गिरवी रखे जाते हैं। इसका इस्तेमाल वे या तो उसी कंपनी में या अन्य परियोजनाओं के वित्तपोषण में करते हैं। प्राइम डाटाबेस की रिपोर्ट के अनुसार एनएसई की सूचीबद्ध कंपनियों के प्रवर्तकों द्वारा गिरवी रखे शेयरों का आंकड़ा पिछले साल दिसंबर के अंत तक 2.03 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। यह दिसंबर, 2014 में 1.78 लाख करोड़ रुपए था। बीते साल के अंत तक कुल गिरवी शेयरधारित का अनुपात बढ़कर 46.35 फीसदी पर पहुंच गया, जो दिसंबर, 2014 के अंत तक 43.92 फीसदी था।

दिसंबर में घरेलू हवाई यातायात 20 फीसदी बढ़ा

पिछले साल दिसंबर में घरेलू हवाई यातायात 20.34 फीसदी बढ़ा और भारतीय विमानन कंपनियों ने इस दौरान कुल 77 लाख यात्रियों को विभिन्न गंतव्यों तक पहुंचाया। दिसंबर 2014 में घरेलू विमानन कंपनियों ने 64.4 लाख यात्रियों को गंतव्यों तक पहुंचाया था।  नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार आलोच्य महीने में स्पाइसजेट ने सबसे अधिक 92.1 सीट इस्तेमाल (आक्यूपेंसी) की सूचना दी। वहीं इस दौरान इंडिगो के लिए यह आंकड़ा 88.5 फीसदी रहा। आलोच्य महीने में यात्रियों की संख्या के लिहाज से इंडिगो का दबदबा बना रहा और उसने कुल 27.4 लाख यात्रियों को विभिन्न गंतव्यों तक पहुंचाया। डीजीसीए के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान जेट एयरवेज व एयर इंडिया के लिए यात्रियों की संख्या क्रमश: 14 लाख तथा 12.8 लाख रही।

जापान की पंखा कंपनी हायाशी भारत में लगाएगी कारखाना 

फैंसी पंखों के लिए मशहूर जापान की हायाशी इलेक्ट्रिक लिमिटेड ने प्रीमियम पंखों की एक नई रेंज के साथ भारतीय बाजार में उतरने

की घोषणा की है। कंपनी इस साल के अंत तक देश में पंखों की विनिर्माण इकाई भी स्थापित करने वाली है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वे फरवरी से भारतीय बाजार में बिक्री शुरू करने जा रहे हैं। कंपनी यहां शुरू में चीन और ताईवान की अपनी इकाइयों तथा कुछ स्थानीय वेंडरों के जरिये तैयार किए गए करीब 50 मॉडल पेश करेगी। कंपनी इस साल के अंत तक अपनी स्थानीय विनिर्माण इकाई चालू कर देगी। हायाशी इलेक्ट्रिक लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी (भारत, दक्षिणपूर्व एशिया और पश्चिम एशिया) आशीष नारंग ने कहा कि निकट भविष्य में भारत को कंपनी के उत्पादों के एक निर्यात केंद्र के रूप में विकसित करने के साथ-साथ यहां एक अनुसंधान और विकास यूनिट भी शुरू करने का विचार है।

रिलायंस कमर्शियल फिनांस ने स्नैपडील से गठजोड़ किया 

रिलायंस कमर्शियल फिनांस (आरसीएफ) ने प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील से गठजोड़ किया है और वह फ्लिपकार्ट व अमेजन जैसी अन्य प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों से भी बातचीत कर रही है। रिलायंस कमर्शियल फिनांस अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस ग्रुप की वित्तीय सेवा इकाई रिलायंस कैपिटल का हिस्सा है। इस गठजोड़ के पहले चरण में वह देश भर में स्नैपडील के 80,000 से अधिक वेंडरों में से चुनिंदा के लिए वित्तपोषण (सप्लाई चेन फिनांसिंग) की पेशकश करेगी। रिलायंस कमर्शियल फिनांस के सीईओ केवी श्रीनिवास ने कहा, ई-कॉमर्स तेजी से बढ़ते अवसरों वाला क्षेत्र है, जिसमें उत्पाद आग्रह व आपूर्ति सुनिश्चित करने वाले हजारों आपूर्तिकर्ताओं का एकीकरण है। उन्होंने कहा, हमने एक नया ई-कॉमर्स केंद्रित सप्लाई चेन वित्तपोषण उत्पाद पेश किया है, जिससे हम उक्त वेंडरों के लिए विकल्पों को उनकी जरूरत के हिसाब से तैयार कर सकेंगे। वेंडरों को इसकी पेशकश के लिए हम प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों से गठजोड़ करेंगे।

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