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नए नोटों के तेजी से चलन में आने से चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था में आएगी गति: उर्जित पटेल

गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि नए नोटों को तेजी से चलन में आने और उपभोक्ताओं की मांग के फिर जोर पकड़ने से चालू वित्त वर्ष में आगे आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: February 22, 2017 21:36 IST
नए नोटों के तेजी से चलन में आने से चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था में आएगी गति: उर्जित पटेल- India TV Paisa
नए नोटों के तेजी से चलन में आने से चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था में आएगी गति: उर्जित पटेल

मुंबई। रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की इस महीने की शुरुआत में हुई बैठक में ब्याज दर में कटौती नहीं करने के पक्ष में मतदान किया और कहा कि नए नोटों को तेजी से चलन में आने और उपभोक्ताओं की ऐच्छिक मांग के फिर जोर पकड़ने से चालू वित्त वर्ष में आगे आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।

इस महीने सात और आठ तारीख को मौद्रिक नीति समिति की बैठक के दौरान पटेल ने यह भी कहा कि मौद्रिक नीति के रुख को नरम के स्थान पर तटस्थ किए जाने से नीतिगत दर को किसी भी दिशा में बदलने के लिए केंद्रीय बैंक को पर्याप्त लचीली स्थिति उपलब्ध होगी।

  • रिजर्व बैंक द्वारा जारी एमपीसी की बैठक के ब्योरे के अनुसार पटेल ने कहा, पिछले दो महीनों में अर्थव्यवस्था में नए नोट तेजी से चलन में आए हैं, ऐसे में आर्थिक गतिविधियों में 2016-17 की चौथी तिमाही में जोर पकड़ने की उम्मीद है।
  • उन्होंने यह भी कहा, नोटबंदी के बाद ग्राहकों की जो ऐच्छिक मांग थी, वह प्रभावित हुई, अब उसके फिर से पटरी पर आने की उम्मीद है।
  • समिति के सभी छह सदस्यों ने नीतिगत दर (रेपो) को 6.25 प्रतिशत पर बरकरार रखने के पक्ष में मतदान किया।
  • पटेल ने आगे कहा कि तीसरी तिमाही में कॉरपोरेट क्षेत्र के प्रदर्शन पर सीमित आंकड़ा उपलब्ध है, जो यह बताता है कि बिक्री वृद्धि में पिछली तिमाही के मुकाबले सुधार हो सकता है।
  • उन्होंने कहा, वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में बुनियादी ढांचा पर खर्च बढ़ाया गया है और सस्ते मकान पर जोर दिया गया है।
  • वैश्विक वृद्धि 2016 के मुकाबले 2017 में अधिक रहने का अनुमान है।
  • पटेल ने कहा, मौद्रिक नीति के निर्णयों के प्रभाव के प्रसार में सुधार के साथ इन कारकों से चालू वित्त वर्ष के मुकाबले 2017-18 में वृद्धि की संभावना उल्लेखनीय रूप से सुधरी है।

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