Saturday, April 27, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. देश में आर्थिक गतिविधियां पड़ रही हैं कमजोर, RBI गवर्नर ने दिया निर्णायक मौद्रिक नीति की जरूरत पर बल

देश में आर्थिक गतिविधियां पड़ रही हैं कमजोर, RBI गवर्नर ने दिया निर्णायक मौद्रिक नीति की जरूरत पर बल

रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में लगातार तीसरी बार रेपो दर में कटौती की है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: June 21, 2019 11:45 IST
Economic activity clearly losing traction, Das said at MPC meet- India TV Paisa
Photo:ECONOMIC ACTIVITY CLEARLY

Economic activity clearly losing traction, Das said at MPC meet

मुंबई।  भारतीय अर्थव्यवस्था स्पष्ट तौर पर अपनी रफ्तार खो रही है और वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए एक निर्णायक मौद्रिक नीति अपनाने की जरूरत है। यह बातें भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने तीन से छह जून के बीच हुई मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में कही थीं। उल्लेखनीय है कि इस बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी। रिजर्व बैंक ने गुरुवार को इस बैठक का ब्यौरा जारी किया। 

बैठक के ब्यौरे के अनुसार दास ने कहा कि अप्रैल 2019 में नीतिगत दरों में की गई कटौती के बाद वृहद आर्थिक परिस्थितियां अधिक स्पष्ट हुईं। उन्होंने कहा कि स्पष्ट तौर पर आर्थिक गतिविधियों की चाल धीमी पड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि पिछली दो नीतिगत दर कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचने के बावजूद भी 2019- 20 में मुख्य मुद्रास्फीति के 4 प्रतिशत दायरे से नीचे रहने का ही अनुमान है। 

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में घटकर 5.8 प्रतिशत रह गई। 

दास ने कहा कि कुल मिलाकर वृद्धि की धारणा स्पष्ट तौर पर कमजोर पड़ी है, जबकि खुदरा मुद्रास्फीति के 2019-20 में चार प्रतिशत से नीचे बने रहने का अनुमान है। इस बात को ध्यान में रखते हुए हमें एक निर्णायक मौद्रिक नीति अपनाने की जरूरत है। ऐसे में मेरा मत है कि रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की जानी चाहिए।  

उन्होंने बैठक में मौद्रिक नीति का रुख तटस्थ से नरम करने का भी समर्थन किया। इससे इस बात के स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि वृद्धि को बढ़ाने के लिए भविष्य में और कदम उठाए जा सकते हैं। रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में लगातार तीसरी बार रेपो दर में कटौती की है। इस प्रकार जनवरी 2019 के बाद से अब तक वह रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती की जा चुकी है। 

समिति के सदस्य और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कहा कि आर्थिक वृद्धि की तस्वीर मिलीजुली है। पिछली दो तिमाहियों में इसकी रफ्तार उल्लेखनीय तौर पर धीमी पड़ी है। साथ ही कुछ अन्य जोखिम भी हैं जिनमें मानसून की कमी और कच्चे तेलों की कीमतों में उतार-चढ़ाव शामिल है। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement