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कुछ साल बाद 30 रुपए/लीटर से भी कम कीमत पर मिलेगा पेट्रोल, अमेरिका के विशेषज्ञ ने किया दावा

अमेरिका के फ्यूचरिस्‍ट टॉनी सेबा का दावा है कि 5 साल बाद पेट्रोल की कीमत 30 रुपए प्रति लीटर या इससे भी कम हो सकती है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: September 16, 2017 14:28 IST
कुछ साल बाद 30 रुपए/लीटर से भी कम कीमत पर मिलेगा पेट्रोल, अमेरिका के विशेषज्ञ ने किया दावा- India TV Paisa
कुछ साल बाद 30 रुपए/लीटर से भी कम कीमत पर मिलेगा पेट्रोल, अमेरिका के विशेषज्ञ ने किया दावा

नई दिल्‍ली।  पेट्रोल की महंगी कीमतों को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है। शनिवार को केंद्रीय पर्यटन राज्‍यमंत्री केजे अल्‍फोंस ने सरकार का बचाव करते हुए पेट्रोल पर अधिक टैक्‍स को सही बताया। उन्‍होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल खरीदने वाले लोग भूख से नहीं मर रहे हैं। पेट्रोलियम उत्पादों से मिलने वाला पैसा गरीबों के कल्याण में खर्च किया जाएगा और सरकार ने यह फैसला सोच समझकर लिया है। इसी बीच एक राहत भरी खबर भी आ रही है।

अमेरिका के फ्यूचरिस्‍ट टॉनी सेबा का दावा है कि 5 साल बाद पेट्रोल की कीमत 30 रुपए प्रति लीटर या इससे भी कम हो सकती है। उन्‍होंने कहा है कि नई तकनीकों के उभरने के कारण ईंधन के रूप में पेट्रोल पर निर्भरता कम होगी, जिससे इसकी कीमतों में बहुत अधिक गिरावट आएगी। टॉनी ने ही कई साल पहले सौर्य ऊर्जा की मांग में तेज इजाफे की भविष्यवाणी की थी। यह काफी हद तक सही साबित हुई है, जिस दौर में टॉनी ने सौर्य ऊर्जा की मांग बढ़ने का दावा किया था, उस वक्त आज की तुलना में कीमतें 10 गुना अधिक थीं।

सिलिकॉन वैली के एंट्रप्रेन्‍योर टॉनी सेबा एंट्रप्रेन्‍योरशिप और क्लीन एनर्जी मामलों के इंस्ट्रक्टर भी हैं। टॉनी के अनुसार सेल्फ ड्राइव कारों की तेजी से बढ़ती मांग के चलते तेल की डिमांड में जोरदार गिरावट आएगी और पेट्रोल के दाम 25 रुपए प्रति लीटर तक गिर सकते हैं।

यह भी पढ़ें: पेट्रोल की ऊंची कीमतों को कांग्रेस ने कहा आर्थिक आतंकवाद, एक्‍साइज ड्यूटी अधिक रखने पर उठाए सवाल

एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए टॉनी ने कहा कि 2020-21 में तेल की डिमांड अपने पीक पर होगी। इसके बाद 10 सालों के भीतर तेल उत्पादन का आंकड़ा 10 करोड़ बैरल से घटकर 7 करोड़ बैरल तक पहुंच जाएगा। इसके चलते कच्चे तेल की कीमत तेजी से गिरते हुए 25 डॉलर प्रति बैरल तक आ जाएगी। टॉनी ने कहा कि लोग पुराने स्टाइल की कारों का इस्तेमाल करना बंद नहीं करेंगे। लेकिन इकोनॉमी में इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी। ये इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने में भी सस्ते होंगे और इन्हें चलाना भी आसान होगा।

आपको बता दें कि इससे पहले टॉनी सेबा ने कहा था कि 2030 तक 95 प्रतिशत लोग निजी तौर पर कार रखना बंद कर देंगे और इससे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का ही सफाया हो जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया था कि इलेक्ट्रिक कार इंडस्ट्री ग्लोबल ऑइल इंडस्ट्री को तबाह कर देगी। गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने भी पिछले दिनों कहा था कि सरकार 2030 तक भारत में पूरी तरह इलेक्ट्रिक कारों के ही संचालन पर विचार कर रही है। यानी 15 साल बाद देश में डीजल और पेट्रोल कारों की बिक्री ही बंद हो जाएगी।

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