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डीबीटी योजना से दो साल में एलपीजी सब्सिडी में 21,000 करोड़ रुपए की बचत

कैग की रिपोर्ट में एलपीजी सब्सिडी बचत में खामियां पाए जाने के बाद सरकार ने कहा कि डीबीटी से वास्तव में 21,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Updated on: July 20, 2016 21:04 IST
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Numbers Game: कैग की रिपोर्ट पर सरकार का पलटवार, कहा-DBT से दो साल में LPG सब्सिडी पर बचे 21,000 करोड़ रुपए

नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में एलपीजी सब्सिडी बचत में खामियां पाए जाने के बाद सरकार ने आज जोर देकर कहा कि बैंक खातों में सब्सिडी के सीधे स्थानांतरण से वास्तव में 21,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है। कैग की इस रिपोर्ट को संसद के मौजूदा मानसून सत्र में पेश किया जाना हैं। इसमें कहा गया है कि बचत की जो मात्रा बताई गई है, वास्तविक बचत उसका सिर्फ दस फीसदी हुई है।

पेट्रोलियम मंत्रालय ने प्रेस बयान जारी कर वित्त वर्ष 2014-15 और 2015-16 के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) से सब्सिडी बचत की गणना का विस्तृत ब्योरा दिया है। इसमें कहा गया है कि पिछले दो साल में जाली-डुप्लीकेट-छद्म कुकिंग गैस कनेक्शन समाप्त होने से करीब 21,261.4 करोड़ रुपए की बचत हुई है। इसमें कहा गया है कि वास्तविक ग्राहकों की पहचान के दौरान 3.34 करोड़ डुप्लीकेट और जाली एलपीजी कनेक्शन पाए गए। एलपीजी के लिए डीबीटी से पहले इन 3.34 करोड़ उपभोक्ताओं ने लगातार सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों की खरीद की। यदि इन खातों को बंद नहीं किया जाता, तो कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद सब्सिडी बिल काफी ऊंचा रहता है।

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सरकारी गणना का हवाला देते हुए कहा गया है कि प्रति परिवार 12 सब्सिडी वाले सिलेंडरों को लिया जाए, तो बंद किए गए इन 3.34 करोड़ उपभोक्ताओं ने 2014-15 में 14,818.4 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्राप्त की होती। प्रति सिलेंडर औसत सब्सिडी 369.72 रुपए प्रति सिलेंडर बैठती है। इसी सिद्धान्त के आधार पर 2015-16 में यह राशि 6,443 करोड़ रुपए बैठती। इस तरह दोनों वित्त वर्ष के लिए यह 21,261 करोड़ रुपए बैठती है। बयान में कहा गया है कि डीबीटी से पहले इन सभी 3.34 करोड़ उपभोक्ताओं ने सब्सिडी वाले सिलेंडरों का लाभ लिया। इन खातों को ब्लॉक किए जाने की वजह से सब्सिडी बिल कम हुआ है। सूत्रों ने कहा कि जाली कनेक्शनों को सफलतापूर्वक समाप्त किए जाने का पता बिना-सब्सिडी वाले सिलेंडरों की बिक्री में आई तेजी से चलता हैं अप्रैल, 2015 से मार्च, 2016 के दौरान बिना-सब्सिडी वाले सिलेंडरों की बिक्री में 39.3 फीसदी का इजाफा हुआ।

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