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ई-कॉमर्स कंपनियों को झटका, वाणिज्य मंत्रालय ने रिजर्व बैंक और ईडी से जांच करने को कहा

वाणिज्य मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और रिजर्व बैंक को फ्लिपकार्ट, अमेजन और स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों की जांच करने को कहा है।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: November 01, 2015 15:41 IST
ई-कॉमर्स कंपनियों को झटका, वाणिज्य मंत्रालय ने रिजर्व बैंक और ईडी से जांच करने को कहा- India TV Paisa
ई-कॉमर्स कंपनियों को झटका, वाणिज्य मंत्रालय ने रिजर्व बैंक और ईडी से जांच करने को कहा
नई दिल्ली। व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की शिकायत पर वाणिज्य मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और रिजर्व बैंक को फ्लिपकार्ट, अमेजन और स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों की जांच करने को कहा है। कैट ने शिकायत की थी कि ई-कामर्स पोर्टल बिजनेस टू कंज्यूमर (बी2सी) गतिविधियों में शामिल होकर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। इंडियन e-commerce कंपनियों की वैल्यूएशन पर उठे सवाल, निवेशक बदल रहे हैं रणनीति
मंत्रालय ईडी और रिजर्व बैंक को लिखा पत्र
मंत्रालय ने ईडी और रिजर्व बैंक को लिखे पत्र में कहा है, आग्रह किया जाता है कि इस मामले की जांच की जाए और उसके बाद उचित कार्रवाई की जाए। बिजनेस टू कंज्यूमर सेक्शन में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति है। कैट ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां कानून से धोखाधड़ी कर बी2सी गतिविधियों में शामिल हुए है।
ई-कॉमर्स कंपनियों को बी2सी की नहीं अनुमति   
कैट ने अपनी शिकायत में कहा है कि हाल में मेगा सेल की पेशकश करने वाली ई-रिटेलर अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील ने लोगों को आकर्षित करने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया पर बड़ा विग्यापन अभियान चलाया। चूंकि इन कंपनियों को विदेशी निवेश मिला है, इसलिए इन्हें बी2बी ई-कॉमर्स गतिविधियों की अनुमति है, बी2सी की नहीं। इस तरह का विग्यापन रिटेल कारोबार की श्रेणी में आता है। भारतीय ई-कॉमर्स सेक्‍टर की ग्रोथ मजबूत, 2019 तक हो जाएगा 35 अरब डॉलर का बाजार

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