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इकोनॉमी को बूस्‍ट करने के लिए चीन का एक और कदम, इंटरेस्‍ट रेट में फि‍र की कटौती

चीन के केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को इंटरेस्‍ट रेट में एक बार फि‍र कटौती करने का ऐलान किया है। नवंबर से लेकर अब तक यह छठवीं कटौती है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: October 23, 2015 19:23 IST
इकोनॉमी को बूस्‍ट करने के लिए चीन का एक और कदम, इंटरेस्‍ट रेट में फि‍र की कटौती- India TV Paisa
इकोनॉमी को बूस्‍ट करने के लिए चीन का एक और कदम, इंटरेस्‍ट रेट में फि‍र की कटौती

बीजिंग। चीन अपनी मंद पड़ी इकोनॉमी में जान फूंकने के लिए हर संभव कोशिश में लगा हुआ है। चीन के केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को इंटरेस्‍ट रेट में एक बार फि‍र कटौती करने का ऐलान किया है। नवंबर से लेकर अब तक यह छठी कटौती है।

पीपूल्‍स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि उसने एक साल बेंचमार्क वाले बैंक लेंडिंग रेट को 25 आधार अंक घटाकर 4.35 फीसदी कर दिया है। नई दरें 24 अक्‍टूबर से प्रभावी होंगी। केंद्रीय बैंक ने रिजर्व रिक्‍वायरमेंट रेशियो (आरआरआर) में भी 0.5 फीसदी की कटौती की है।

इतना ही नहीं पीपूल्‍स बैंक ने एक साल बेंचमार्क डिपोजिट रेट को भी 25 आधार अंक घटाकर 1.50 फीसदी कर दिया है। 2008-09 की वैश्विक आर्थिक संकट की तुलना में इस साल चीन ने अपनी पॉलिसी को आक्रामक ढंग से सरल बनाया है। चीन इस समय कमजोर मांग और अत्‍यधिक इंडस्ट्रियल कैपेसिटी के कारण आर्थिक मंदी से जूझ रहा है।

तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में चीन की जीडीपी ग्रोथ घटकर 6.9 फीसदी रह गई है, जो कि 6 साल में सबसे कम है। दूसरी तिमाही में चीन की जीडीपी 7 फीसदी की दर से बढ़ी थी। खराब आर्थिक आंकड़ों के बाद पॉलिसी मेकर्स ब्याज दरों में कटौती के लिए दबाव बना रहे हैं। हालांकि राहत की बात यह कि मार्केट के अनुमान 6.8 फीसदी से जीडीपी ग्रोथ ज्यादा है। एक्सपर्ट के मुताबिक चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंताएं अभी भी बरकरार है।

चीन की जीडीपी रफ्तार 6 साल में सबसे कम
चीन की जीडीपी ग्रोथ 2009 की पहली तिमाही के बाद से सबसे कम है। 2009 की पहली तिमाही में चीन की जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी रही थी। वहीं एक्सपर्ट्स मानते है कि चीन में मंदी आने वाले दिनो में और गहरा सकती है। ऑक्सफोर्ड के इकोनोमिस्ट लुई कुजिस ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी और एक्सपोर्ट में आई गिरावट के कारण जीडीपी की रफ्तार धीमी पड़ी है। मुझे लगता है कि 2016 में जीडीपी ग्रोथ और घट सकती है। इसको देखते हुए सरकार अतिरिक्त राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है।
चीन की अर्थव्यवस्था पर चौतरफा दबाव
सितंबर में चीन का फैक्ट्री आउटपुट पिछले साल के मुकाबले 5.7 फीसदी बढ़ा है, जो कि 6 फीसदी के अनुमान से कम है। वहीं, अर्थव्यवस्था के लिए अहम फिक्स्ड-एसेट इन्वेस्टमेंट साल के शुरुआती 9 महीने के दौरान 10.3 फीसदी बढ़ा है। जबकि अनुमान 10.8 फीसदी का था।
चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर मूडीज ने जताई चिंता
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंताएं अभी तक बरकरार है। एजेंसी के मुताबिक चीन का एक्सपोर्ट लगातार गिर रहा है। इसके कारण इंडस्ट्री और बड़े कॉर्पोरेट्स पर लोन बढ़ते जा रहे हैं। वहीं कई बड़ी कंपनियां दिवालिया होने की कगार पर खड़ी है। खराब आर्थिक आंकड़ों के बाद चीन अगर राहत पैकेज भी देता है, तो उसका असर लंबे समय के बाद दिखेगा।
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