Friday, March 29, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. एक रात में देश से खत्‍म नहीं हो सकता भ्रष्‍टाचार, इसको समाप्‍त करने के लिए शुरू हो चुकी है प्रक्रिया

एक रात में देश से खत्‍म नहीं हो सकता भ्रष्‍टाचार, इसको समाप्‍त करने के लिए शुरू हो चुकी है प्रक्रिया

बिबेक देबरॉय ने कहा है कि भ्रष्‍टाचार मिटाना और काले धन को खत्म करना एक दिन का काम नहीं है पर इस दिशा में काम शुरू हो चुका है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: November 09, 2017 20:08 IST
एक रात में देश से खत्‍म नहीं हो सकता भ्रष्‍टाचार, इसको समाप्‍त करने के लिए शुरू हो चुकी है प्रक्रिया- India TV Paisa
एक रात में देश से खत्‍म नहीं हो सकता भ्रष्‍टाचार, इसको समाप्‍त करने के लिए शुरू हो चुकी है प्रक्रिया

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय ने कहा है कि भ्रष्‍टाचार मिटाना और काले धन को खत्म करना एक दिन का काम नहीं है पर इस दिशा में काम शुरू हो चुका है।

प्रख्यात अर्थशास्त्री और नीति आयोग के सदस्य देबरॉय ने कहा कि भ्रष्‍टाचार से गरीबों को ज्यादा नुकसान होता है, लेकिन भ्रष्‍टाचार पर शिकंजे का असर अमीरों पर पड़ता है। देबरॉय ने ‘ऑन द ट्रायल ऑफ द ब्लैक: ट्रैकिंग करप्शन’ नाम की किताब पर बात करते हुए यह बात कही। यह किताब उन्होंने ही संपादित की है।

देबरॉय से जब पूछा गया कि भ्रष्टाचार का खात्मा और काले धन का बाहर आना संभंव है तो उन्होंने कहा कि यह काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि आप जब्त की गई बेनामी संपत्तियों की संख्या को देखें और मुखौटा कंपनियों की संख्या को देखना चाहिए, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।

हालांकि, देबरॉय ने खेद व्यक्त किया कि कुछ नागरिक व्यक्तिगत रूप से आसान रास्ता अपनाना पसंद करते हैं, जैसे ट्रैफिक सिग्नल पर लाल बत्ती पार करने के बाद घूस देना और बाद में भ्रष्टाचार के बारे में शिकायत करते हैं। यही नहीं कुछ लोग करीब सात दशकों से “चलता है” और “कुछ नहीं होने वाला” जैसे रवैया के साथ जी रहे हैं लेकिन अब वे सरकार से परेशान हैं।

उन्होंने कहा कि अब चीजें होना शुरू हुई हैं, कुछ लोगों को परेशानी हो रही है। इसलिए मैं इसे सकरात्मक रूप से देख रहा हूं। भ्रष्टाचार और काला धन रातभर में सुलझने वाली समस्या नहीं है, लेकिन मैंने आपको इस प्रक्रिया के शुरू होने के कुछ उदाहरण दिए हैं।

देबरॉय ने “तथ्यों से परे” आंकड़े का उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली में काले और सफेद धन (घोषित धन) का अनुपात नीचे आया है। उन्होंने कहा कि जो दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं वो इस अनुपात से वाकिफ हैं। यह अनुपात 50:50 प्रतिशत (काला और सफेद धन) था। नोटबंदी के बाद जमीन के कारोबार से जुड़े बहुत से लोगों ने मुझसे कहा कि अब यह अनुपात 50:50 का नहीं बल्कि 20:80 (काला धन और सफेद धन) का हो गया है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement