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कैग ने एयरो क्लब की विमानों की खरीद पर व्यर्थ के खर्च के लिए की आलोचना

एयरो क्लब विमानों की खरीद को कर जरूरी मंजूरी न लेने और विमानों के अधिग्रहण के लिए बोली नियमों का पूरी तरह पालन नहीं करने से 2.39 करोड़ रुपए का खर्च व्यर्थ रहा।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: August 03, 2016 10:19 IST
कैग ने एयरो क्लब की विमानों की खरीद पर व्यर्थ के खर्च के लिए की आलोचना- India TV Paisa
कैग ने एयरो क्लब की विमानों की खरीद पर व्यर्थ के खर्च के लिए की आलोचना

नई दिल्ली। एयरो क्लब ऑफ इंडिया (एसीआई) द्वारा विमानों की खरीद को कर जरूरी मंजूरी न लेने और विमानों के अधिग्रहण के लिए बोली नियमों का पूरी तरह पालन नहीं करने से 2.39 करोड़ रुपए का खर्च व्यर्थ रहा। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा कि बोली दस्तावेज में निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं करने के बावजूद एसीआई ने अनियमित रूप से कॉम्पैक्ट टेक्नोलॉजी लाइट स्पोर्ट (सीटीएलएस) विमान का चयन किया।

रिपोर्ट के अनुसार एसीआई ने दिसंबर 2011 में विमानों की खरीद की पर डीजीसीए ने पूर्व में सीटीएलएस विमानों को दी गई मंजूरी वापस लेने के अपने निर्णय के बारे में सूचना नहीं दी। कैग ने कहा, बोली दस्तावेज में निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं करने के बावजूद सीटीएसएल विमान का अनियमित तरीके से किया गया। इसके परिणामस्वरूप डीजीसीए से जरूरी मंजूरी नहीं होने के बावजूद ये निष्क्रिय (नवंबर 2015) पड़े रहे। रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रकार, जिस मकसद से सीटीएलएस विमान का अधिग्रहण किया गया, वह पूरा नहीं हुआ। 2.39 करोड़ रुपए का व्यय सार्थक नहीं रहा।

कैग की यह टिप्पणी केंद्र सरकार (सिविल) अनुपालन ऑडिट पर्यवेक्षण रिपोर्ट का हिस्सा है। मार्च 2015 को समाप्त वर्ष के लिए रिपोर्ट को संसद में रखा गया। मार्च 2011 में नागर विमानन मंत्रालय ने नागर विमानन मंत्रालय ने एसीआई के तीन एकल इंजन ट्रेनर: एयरोस्पोट्र्स विमान की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। मंत्रालय ने इस संदर्भ में अनुदान सहायता जारी की। एसीआई ने अप्रैल 2011 में तीन सीटीएलएस विमान के लिये थ्रस्ट एविएशन के पास खरीद आर्डर दिया।

कैग ने पाया कि सीटीएलएस बोली शर्तों को पूरा नहीं कर रहा था लेकिन थ्रस्ट एविएशन को सफल बोलीदाता के रूप में चुना गया और मंत्रालय की मंजूरी के बाद आर्डर जारी किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक डीजीसीए इस तथ्य से वाकिफ था कि सीटीएलएस विमान उड़ने योग्य प्रमाणपत्र जारी करने के लिये विमान नियम 1937 को पूरा नहीं करता। लेकिन नियामक ने खरीद को रोकने के लिये इस बारे में समय पर एसीआई को सूचित नहीं किया।

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