Monday, March 18, 2024
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सरकार ने की BSNL-MTNL का विलय करने की घोषणा, नई कंपनी को अगले महीने से शुरू होगा 4G स्‍पेक्‍ट्रम मिलना

मंत्री ने बताया कि बीएसएनएल को बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए 4जी स्पेक्ट्रम भी दिया जाएगा।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: October 24, 2019 7:20 IST
BSNL, MTNL to be merged, 4G Spectrum to be given- India TV Paisa
Photo:BSNL, MTNL TO BE MERGED,

BSNL, MTNL to be merged, 4G Spectrum to be given

नई दिल्‍ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल की सेहत को सुधारने के लिए इनका आपस में विलय कर एक नई दूरसंचार कंपनी बनाने का फैसला किया है। दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि बीएसएनएल और एमटीएनएल को न तो बंद किया जा रहा है और न ही इनका विनिवेश किया जा रहा है।

सरकार ने बुधवार को घाटे में चल रही दूरसंचार कंपनियों भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) का पुनरुद्धार करने के लिए इनका आपस में विलय करने का फैसला किया है। पुनरुद्धार योजना के तहत सॉवरेन बांड के जरिये धन जुटाना, कंपनियों की संपत्तियों का मौद्रिकरण और कर्मचारियों के लिए स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना शामिल है।

दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि सरकार दोनों सरकारी दूरसंचार कंपनियों के पुनरुद्धार के लिए 29,937 करोड़ रुपए की पूंजी उपलब्‍ध कराएगी। मंत्री ने बताया कि बीएसएनएल, एमटीएनएल को पटरी पर लाने के लिए अगले चार साल के दौरान सॉवरेन बांड के जरिये 15,000 करोड़ रुपए और संपत्ति के मौद्रीकरण के जरिये 38,000 करोड़ रुपए की राशि जुटाई जाएगी। उन्‍होंने कहा कि लागत को कम करने के लिए कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना भी लाई जाएगी।

मंत्री ने बताया कि बीएसएनएल को बाजार में प्रतिस्‍पर्धी बनाने के लिए 4जी स्‍पेक्‍ट्रम भी दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि एमटीएनएल एक सूचीबद्ध कंपनी है इसलिए इसके विलय में कुछ समय लगेगा इसलिए जब तक इसका विलय बीएसएनएल में नहीं हो जाता, तबतक यह बीएसएनएल की सहयोगी कंपनी के रूप में काम करती रहेगी।

दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने पैकेज से जुड़ी जानकारियां साझा करते हुए कहा कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के विलय को मंजूरी दे दी है। पुनरुद्धार पैकेज में कंपनियों द्वारा 15,000 करोड़ रुपए का कर्ज जुटाने के लिए सरकार की गारंटी, 4 जी स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए 20,140 करोड़ रुपए की पूंजी डालना, कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति देनदारी सहित वीआरएस के लिए 29,928 करोड़ रुपए और जीएसटी के तौर पर 3,674 करोड़ रुपए की राशि दिया जाना शामिल है।

सरकारी गारंटी वाले बांड जारी करने से प्राप्त राशि का उपयोग ऋण पुनर्गठन और अन्य खर्चों को पूरा करने में किया जाएगा। मुख्य रूप से बीएसएनएल की देनदारी होगी क्योंकि एमटीएनएल अब उसकी अनुषंगी बनकर परिचालन करेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे भरोसा है कि इन सभी उपायों से अगले दो साल में बीएसएनएल परिचालन स्तर पर लाभ में आ जाएगी।

प्रसाद ने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के मामले में सरकार का रुख स्पष्ट है। ये भारत की सामरिक संपत्तियां हैं। उन्होंने कहा कि वीआरएस पैकेज के तहत पात्र कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु तक कंपनी की सेवा करके अर्जित होने वाली आय का 125 प्रतिशत मिलेगा। इस फैसले के साथ हमने इन सार्वजनिक कंपनियों के लाखों कर्मचारियों के हित का ध्यान रखा है। बीएसएनएल में करीब 1.68 लाख कर्मचारी हैं, जबकि एमटीएनएल के करीब 22,000 कर्मचारी हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वीआरएस पूरी तरह से स्वैच्छिक है, कोई भी इसे अपनाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। दोनों कंपनियों पर कुल 40,000 करोड़ रुपए का कर्ज है, जिसमें से आधा कर्ज एमटीएनएल का है, जो सिर्फ दिल्ली और मुंबई में परिचालन करती है। दोनों कंपनियां बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए लंबे समय से स्पेक्ट्रम की मांग कर रही थीं, ताकि 4जी सेवा शुरू की जा सके।

दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने कहा कि दोनों कंपनियों को एक महीने के अंदर प्रशासनिक स्तर पर स्पेक्ट्रम आवंटित कर दिया जाएगा। प्रकाश ने कहा कि बीएसएनएल को इक्विटी शेयर के बदले 14,115 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम आवंटन होगा और एमटीएनएल को तरजीही शेयरों के एवज में 6,295 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम दिया जाएगा। सरकार तीन साल की अवधि में बीएसएनएल और एमटीएनएल की 37,500 करोड़ रुपए की संपत्ति का मौद्रीकरण करते हुये उसकी बिक्री करेगी या फिर पट्टे पर देगी।

उन्होंने कहा कि परिसंपत्ति में मुख्य रूप से जमीन शामिल हैं। अकेले दिल्ली में एमटीएनएल के पास करीब 29 खुदरा केंद्र हैं। सचिव ने कहा कि बीएसएनएल को चरणबद्ध तरीके से 4जी सेवा शुरू करने के लिए करीब 10,000 करोड़ रुपए की जरूरत होगी, जबकि एमटीएनएल को करीब 1,100 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। सरकार ने वीआरएस पैकेज में अनुग्रह राशि के तौर पर 17,160 करोड़ रुपए और अग्रिम पेंशन लाभ के तौर पर 12,768 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।

प्रकाश ने कहा कि 53.5 साल की उम्र से ऊपर के कमर्चारियों को उनकी सेवा की शेष अवधि में अर्जित वेतन का 125 प्रतिशत तक लाभ मिलेगा, जबकि कंपनी के 50 से 53.5 वर्ष की आयु वर्ग के कर्मचारी यदि वीआरएस अपनाते हैं तो उन्हें अपनी बची सेवा मे मिलने वाली प्राप्ति का 80 से 100 प्रतिशत के दायरे में लाभ मिलेगा। सरकार ने दोनों दूरसंचार कंपनियों के कर्मचारियों के लिए वीआरएस अपनाने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2020 तय की है। बीएसएनएल के इंजीनियरिंग और लेखा पेशेवरों की संस्था ऑल इंडिया ग्रेजुएट इंजीनियर टेलिकॉम ऑफ‍िसर एसोसिएशन (एआईजीईटीओए) ने सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की प्रशंसा की है।

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