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भारती एयरटेल ने अनुचित व्यवहार का हवाला देते हुए आर कॉम के लिए लगाई बोली वापस ली

दूरसंचार क्षेत्र की कंपनी भारती एयरटेल ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आर कॉम) की संपत्ति खरीदने को लेकर सौंपी गई अपनी बोली वापस ले ली है।

India TV Paisa Desk Written by: India TV Paisa Desk
Updated on: November 17, 2019 17:27 IST
Bharti Airtel - India TV Paisa

Bharti Airtel 

नयी दिल्ली। दूरसंचार क्षेत्र की कंपनी भारती एयरटेल ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आर कॉम) की संपत्ति खरीदने को लेकर सौंपी गई अपनी बोली वापस ले ली है। कंपनी ने कर्जदाताओं की समिति के व्यवहार पर सवाल उठाया है। कंपनी ने रिलायंस जियो के आग्रह पर बोली जमा कराने की समयसीमा बढ़ाने के समिति के कदम को पूरी तरह अनुचित और पक्षपात वाला करार दिया। 

रिलायंस जियो का नाम लिये बिना भारती एयरटेल के निदेशक (वित्त) हरजीत कोहली ने समाधान पेशेवर अनीश निरंजन नानावती को लिखे पत्र में कहा है कि एयरटेल ने जब समयसीमा बढ़ाने का आग्रह किया तो आर कॉम के कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) ने खारिज कर दिया था लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि बाद में एक कंपनी को प्रक्रिया में शामिल करने के लिए बोली लगाने की समयसीमा बो बढ़ा दी गई।

कोहली ने कहा, 'प्रस्तावित लेन-देन में जटिलताओं को देखते हुए 31 अक्टूबर 2019 की तारीख वाले पत्र के जरिए हमने समाधान योजना जमा करने की समयसीमा 11 नवंबर 2019 से बढ़ाकर एक दिसंबर 2019 करने का आग्रह किया था लेकिन हमारे अनुरोध को सीओसी ने खारिज कर दिया।' गौरतलब है कि भारती एयरटेल, भारती इंफ्राटेल और निजी इक्विटी कंपनी वार्दे पार्टनर्स ने रिलायंस कम्युनिकेशन की संपत्तियों के लिए बोलियां जमा की थीं। वहीं रिलायंस जियो ने संपत्ति बिक्री सौदे को लेकर समयसीमा 10 दिन बढ़ाने का आग्रह किया था। एयरटेल ने आर कॉम के स्पेक्ट्रम की खरीद को लेकर बोली जमा की थी जबकि भारती इंफ्राटेल ने मोबाइल टावर के लिए बोली लगाई थी। सीओसी ने समयसीमा 10 दिन बढ़ा दी और बोली 25 नवंबर को खोलने का फैसला किया।

कोहली ने कहा, 'हमें पता चला है कि सीओसी ने बोली जमा करने की समयसीमा बढ़ाकर 25 नवंबर 2019 कर दी है। यह कदम एक मात्र संभावित बोलीदाता के अनुरोध पर किया गया है। इससे हमें झटका लगा है।' उन्होंने कहा कि चूंकि भारती एयरटेल के समयसीमा बढ़ाने के आग्रह को सीओसी ने खारिज कर दिया था, ऐसे में कंपनी को जल्दबाजी में बोली जमा करानी पड़ा। सीओसी का यह आचरण समानता, पारदर्शिता के खिलाफ रहा है और उसके व्यवहार को लेकर सवाल खड़ा होता है।' 

कोहली ने कहा, 'इसीलिए हम नई समय सीमा में नये सिरे से समाधान योजना जमा करने के अधिकार समेत अपने सभी अधिकारों को सुरक्षित रखते हुए अपनी समाधान योजना को वापस ले रहे हैं।' आर कॉम ने बकाया कर्ज लौटाने को लेकर इससे पहले रिलायंस जियो समेत विभिन्न कंपनियों को अपनी सभी संपत्ति बेचने की कोशिश की थी लेकिन सौदा परवान नहीं चढ़ सका। रिलायंस जियो ने आर कॉम के स्पेक्ट्रम समेत सभी संपत्ति खरीदने के समझौते को रद्द कर दिया क्योंकि वह कर्ज में डूबी कंपनी के पूर्व के बकाए का बोझ नहीं उठाना चाहती थीं।

गौरतलब है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस (आर कॉम) को 2019 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 30,412 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। उसके बाद कंपनी के चेयरमैन अनिल अंबानी ने इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के अनुसार आर कॉम समूह के ऊपर करीब 33,000 करोड़ रुपए का संरक्षित बकाया है जबकि कर्जदाताओं ने अगस्त में कुल मिलाकर करीब 49,000 करोड़ रुपए का दावा किया है।

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