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आधार से आयुष्मान भारत जैसी 3 योजनाओं का हो सकता है वित्तपोषण, पिछले कुछ साल में हुई 90,000 करोड़ की बचत: जेटली

आधार को पासा पलटने वाला बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इसके क्रियान्वयन से हुई वित्तीय बचत से आयुष्मान भारत जैसी तीन परियोजनाओं का वित्तपोषण किया जा सकता है। आयुष्मान भारत लाखों गरीबी को मुफ्त में अस्पताल में इलाज प्रदान करने की योजना है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 06, 2019 18:02 IST
Arun Jaitley- India TV Paisa

Arun Jaitley

नयी दिल्ली: आधार को पासा पलटने वाला बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इसके क्रियान्वयन से हुई वित्तीय बचत से आयुष्मान भारत जैसी तीन परियोजनाओं का वित्तपोषण किया जा सकता है। आयुष्मान भारत लाखों गरीबी को मुफ्त में अस्पताल में इलाज प्रदान करने की योजना है। जेटली ने रविवार को फेसबुक पोस्ट ‘‘आधार के लाभ-आज इसकी स्थिति क्या है’ में आधार के क्रियान्वयन की सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व को देते हुए कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने अपने विरोधाभासों तथा अनिर्णय की वजह से इस पर अनमने तरीके से काम किया। वित्त मंत्री ने कहा कि आधार के जरिये सब्सिडी की आपूर्ति से मार्च, 2018 तक पिछले कुछ साल के दौरान 90,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। इससे कई डुप्लिकेट, अज्ञात तथा जाली लाभार्थियों को हटाने में मदद मिली। 

उन्होंने कहा कि विश्व बैंक की डिजिटल डिविडेंड रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत आधार से हर साल 77,000 करोड़ रुपये की बचत कर सकता है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘आधार की बचत से आयुष्मान भारत जैसी तीन योजनाएं चलाई जा सकती हैं।’’ आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लक्ष्य परिवारों को सालाना पांच लाख रुपये का ‘कवर’ देना है। इस योजना से 10.74 करोड़ परिवारों को लाभ होगा।

इस योजना के शुरू होने के बाद से सात लाख गरीब मरीज अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ ले चुके हैं। आधार के जरिये अब तक 1,69,868 करोड़ रुपये की सब्सिडी हस्तांतरित की जा चुकी है। वित्त मंत्री ने कहा कि बिचौलिये गायब होने से अब लाभ सीधे बैंक खातों में जा रहा है। यह ऐसी विशिष्ट प्रौद्योगिकी जिसका क्रियान्वयन सिर्फ भारत में हुआ है। पिछले 28 माह के दौरान 122करोड़ आधार नंबर जारी किए गए हैं। देश की 18 साल से अधिक उम्र की 99 प्रतिशत आबादी इसके तहत है। 

उन्होंने बताया कि आधार आधारित बैंक खातों के जरिये 22.80 करोड़ पहल और उज्ज्वला लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये रसोई गैस सब्सिडी दी जा रही है। जेटली ने कहा कि 58.24 करोड़ राशनकार्ड धारकों को आधार से जोड़ा गया है और 10.33 करोड़ मनरेगा कार्डधारकों को इसके जरिये उनकी मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। इसी तरह राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कायर्क्रम के 1.93 करोड़ लाभार्थियों को भी आधार के जरिये उनके खातों में भुगतान किया जा रहा है। जेटली ने कहा कि संप्रग के एक वरिष्ठ मंत्री ने आधार के विचार को रोका था। नंदन नीलेकणि के इस विचार को लेकर संप्रग बंटा हुआ था।

प्रधानमंत्री भी निर्णय नहीं ले पा रहे थे। नामांकन जारी रहा लेकिन इसकी रफ्तार काफी धीमी थी। उन्होंने कहा कि एक निश्चियी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद ही आधार पर काम आगे बढ़ा। मई, 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री ने आधार के विचार को आगे बढ़ाने का फैसला किया। जेटली ने आधार की सफलता के लिए दो लोगों की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि नंदन नीलेकणि ने इसे शुरू किया और बाद में डॉ अजय भूषण पांडे ने इसे दिशा दी और इसका विस्तार किया।

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