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नीलेकणि ने 26 की उम्र के बाद अब 62 की उम्र में दोबारा ज्वाइन की इंफोसिस, कहा नया CEO तलाशने की जिम्मेवारी

दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस में दोबारा एंट्री लेने के बाद कंपनी के पूर्व सीईओ नंदन नीलेकणि का पहला रिएक्शन आया है।

Manoj Kumar Manoj Kumar @kumarman145
Updated on: August 25, 2017 12:50 IST
नीलेकणि ने 26 की उम्र के बाद अब 62 की उम्र में दोबारा ज्वॉइन की इंफोसिस, कहा नया CEO तलाशने की जिम्मेदारी- India TV Paisa
नीलेकणि ने 26 की उम्र के बाद अब 62 की उम्र में दोबारा ज्वॉइन की इंफोसिस, कहा नया CEO तलाशने की जिम्मेदारी

नई दिल्ली। दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस में दोबारा एंट्री लेने के बाद कंपनी के पूर्व सीईओ नंदन नीलेकणि का पहला रिएक्शन आया है। नंदन नीलेकणि ने अपने ट्विटर हेंडल से ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने इंफोसिस को 26 साल की उम्र में पहली बार ज्वॉइन किया था और अब दोबारा 62 वर्ष की उम्र में ज्वॉइन कर रहे हैं, जिंदगी पूरे सर्किल की तरह घूमती है। नंदन निलेकणि ने 26 साल की उम्र में पहली बार इंफोसिस ज्वॉइन की थी और अब 36 साल बाद दोबारा ज्वॉइन किया है।

चेयरमैन का पद संभालने के बाद शुक्रवार को नीलेकणि ने पहली पहली कॉन्फ्रेंस कॉल में नियुक्ति के लिए बोर्ड के सभी सदस्यों का शुक्रिया किया और कहा कि नए मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ की जल्द नियुक्ति हो जाएगी क्योंकि इसके लिए खोज शुरू हो चुकी है। नंदन नीलेकणि ने कहा कि उन्हें नया सीईओ तलाशने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

गुरुवार रात को नीलेकणि को इंफोसिस का चेयरमैन नियुक्त किए जाने की घोषणा हुई है। कंपनी ने तत्काल प्रभाव से नीलेकणि की नियुक्ति लागू कर दी है। नीलेकणि की नियुक्ति के बाद आर शेषसायी ने चेयरमैन और रवि वेंकटेशन ने को-चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि वेंकटेशन स्वतंत्र निदेशक बने रहेंगे। निदेशक मंडल के सदस्य जेफरी एस. लेहमन और जॉन एचमेंडी ने भी तत्काल प्रभाव से निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है। इन इस्तीफों से इंफोसिस के नौ सदस्यीय बोर्ड का एक प्रकार से पूरी तरह से पुनर्गठन हो गया है। इससे मूर्ति की अगुवाई वाले संस्थापकों की एक प्रमुख व पुरानी मांग पूरी हो गई है।

आधार परियोजना को लेकर चर्चा में रहे नीलेकणि मार्च 2002 से अप्रैल 2007 तक कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। उसके बाद वह केंद्र सरकार के भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यूआईडीएआई के प्रमुख बनाये गये। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह इंफोसिस के पहले गैर-संस्थापक सीईओ विशाल सिक्का ने कंपनी के संस्थापक-प्रवर्तकों के साथ संबंध बिगड़ने के चलते अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। कंपनी के 12 कोष प्रबंधकों ने एक संयुक्त पत्र में कहा था कि हालिया घटनाक्रम काफी चिंता का विषय है। सूत्रों के अनुसार यह पत्र अन्य लोगों के अलावा इंफोसिस के चेयरमैन को भी लिखा गया था। उन्होंने कहा था कि प्रत्येक अंशधारक चाहे वह ग्राहक हो, शेयरधारक या कर्मचारी हो, उसका नीलेकणि में विश्वास है

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