Friday, March 29, 2024
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रिश्ते को खुशनुमा बनाने के लिए कभी-कभी पार्टनर को इग्नोर करना भी हो सकता है फायदेमंद

रिश्ते में आना जितना आसान होता है उसे निभाना उतना ही मुश्किल होता है। किसी भी रिश्ते में कई तरह के उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन इसे घबराकर आप भाग नहीं सकते।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: June 01, 2019 13:31 IST
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रिश्ते में आना जितना आसान होता है उसे निभाना उतना ही मुश्किल होता है। किसी भी रिश्ते में कई तरह के उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन इसे घबराकर आप भाग नहीं सकते। बल्कि समय-समय पर रिश्ते में नयेपन बनाए रखने के लिए कई तरह की चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। रिश्ते को निभाना वैसे तो ज्यादा मुश्किल नहीं होता लेकिन लोग उन बातों को ध्यान में नहीं रखते है जो उन्हें रखनी चाहिए। ऐसे मे आज हम आपको बताएंगे कैसे अपने रिश्ते मजबूत करें।

 

यह सुनने में भले ही अजीब लगे और शायद आपको आश्चर्य भी हो लेकिन कभी-कभार अपने जीवनसाथी को नजरअंदाज करना भी आपके रिश्ते के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। अब आप सोचेंगे कि यह कैसे संभव है। तो जनाब, इस बारे में बकायदा एक रिसर्च की गई है जिसे जर्नल ऑफ पर्सनैलिटी ऐंड सोशल साइकॉल्जी में प्रकाशित भी किया गया है। इस रिसर्च के मुताबिक अपने जीवनसाथी की मांग को नजरअंदाज करना लो-इनकम कपल्स यानी कम पैसे वालों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है लेकिन हाई-इनकम कपल्स के रिश्तों पर इस ट्रिक का नकारात्मक असर हो सकता है। 

लो-इनकम कपल्स

स्टडी के लीड ऑथर जैकलीन एम रोज कहती हैं- पत्नी, पति से कहती है कि वह अपनी नौकरी में अपने लिए वेतन-वृद्धि की मांग करे। पति के लिए कम पैसों में नौकरी करना जहां जॉब सिक्यॉरिटी कम हो, वेतन-वृद्धि की मांग करना रिस्की सिचुएशन हो सकता है। ऐसे में वेतन-वृद्धि की मांग में अरुचि दिखाकर वह अपने आत्म-सम्मान को भी सुरक्षित रख सकता है और अपने फाइनैंनशियल सिचुएशन पर कम जोर दे सकता है। वहीं, अमीर कपल अगर इसी परिस्थिति में हों तो पत्नी को लगेगा कि पति अपने परिवार के लिए थोड़ी सी भी कुर्बानी देने के लिए तैयार नहीं है और इस वजह से उनके रिश्ते में दरार आ सकती है। 

सोशियोइकोनॉमिक स्टेटस
स्टडी में शामिल अनुसंधानकर्ता यह जानना चाहते थे कि रिश्ते में संतुष्टि के लिए सोशियोइकोनॉमिक स्टेटस का क्या रोल है। इस स्टडी में पत्नी पर फोकस किया गया जो मांग करने वाली पार्टनर के रोल में थी और पति, मांग को वापस लेने वाले के रोल में। अनुसंधानकर्ताओं ने 18 महीने तक 515 हेट्रोसेक्शुअल कपल्स के साथ एक्सपेरिमेंट किया जिसमें से करीब 40 प्रतिशत कपल्स गरीबी रेखा के नीचे थे। जिन कपल्स के पास आर्थिक सोर्स कम था और उन्होंने डिमांड-विदड्रॉ बिहेवियर का इस्तेमाल किया उनके रिश्ते में सैटिस्फैक्शन स्टेबल बना रहा। वहीं, पैसे वाले कपल्स ने अगर डिमांड-विदड्रॉ नीति को अपनाया तो उनके रिश्ते में सैटिस्फैक्शन यानी संतुष्टि घट गई। 

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