Wednesday, April 17, 2024
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सावन में महामृत्युंजय मंत्र करते समय न करें ये गलतियां, भगवान शिव हो जाएंगे रुष्ट

महामृत्युंजय मंत्र का जप करना परम फलदायी है, लेकिन इस मंत्र के जप में कुछ सावधानियां बरतना चाहिए जिससे कि इसका संपूर्ण लाभ आपको मिले। जानिए जाप करते समय क्या न करें गलतियां।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: July 30, 2018 7:06 IST
sawan- India TV Hindi
Image Source : PINTEREST sawan

धर्म डेस्क: सावन का महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित रहता है। इस माह में विधि पूर्वक शिवजी की आराधना करने से, मनुष्य को शुभ फल भी प्राप्त होते हैं। इस बार के सावन बहुत ही खास है क्योंकि इस बार पूरे एक माह सावन रहेगा। जिसमें 4 सोमवार पड़ेगे। जो कि पूरे 19 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है।

शास्त्रों और पुराणों में असाध्य रोगों से मुक्ति और अकाल मृत्यु से बचने के लिए महामृत्युंजय जप करने का विशेष उल्लेख मिलता है। महामृत्युंजय भगवान शिव को खुश करने का मंत्र है। इसके प्रभाव से इंसान मौत के मुंह में जाते-जाते बच जाता है, मरणासन्न रोगी भी महाकाल शिव की अद्भुत कृपा से जीवन पा लेता है। बीमारी, दुर्घटना, अनिष्ट ग्रहों के प्रभावों से दूर करने, मौत को टालने और आयु बढ़ाने के लिए सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जप करने का विधान है। (Sawan 2018: सावन का पहला सोमवार, जानें किस विधि से करें भगवान शिव की पूजा )

महामृत्युंजय मंत्र का जप करना परम फलदायी है, लेकिन इस मंत्र के जप में कुछ सावधानियां बरतना चाहिए जिससे कि इसका संपूर्ण लाभ आपको मिले और आपको कोई हानि न हो। अगर आप नही कर पा रहे इस मंत्र का जाप जो किसी पंडित से जाप कराए यह आपके लिए और अधिक लाभकारी होगा। जानिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते वक्त किस बातों का ध्यान रखना चाहिए।

महामृत्युंजय मंत्र

ऊॅ हौं जूं सः। ऊॅ भूः भुवः स्वः ऊॅ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उव्र्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।। ऊॅ स्वः भुवः भूः ऊॅ। ऊॅ सः जूं हौं।

इस मंत्र का जाप करते वक्त ये बातें रखें ध्यान जो आपके लिए बहुत हा जरुरी है इन बातों को ध्यान न रखनें से इसका प्रभाव उल्टा हो सकता है।

mahamrityunjaya

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महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय ध्यान रखें ये बातें

 

  • महाम़त्युंजय का जो भी मंत्र का जाप करें उसके उच्चारण ठीक ढंग से यानि की शुद्धता के साथ करें। एक शब्द की गलती आपको भारी पड़ सकती है।
  • इस मंत्र का जाप एक निश्चित संख्या निर्धारण कर करे। अगले दिन इनकी संख्या बढ़ा लें, लेकिन कम न करें। (सावन का पहला सोमवार, बेलपत्र के अलावा ये चीजें चढ़ाकर करें भगवान शिव को प्रसन्न )
  • मंत्र का जाप करते स्पष्ट उच्चारण होठों से बाहर नहीं आना चाहिए। यदि इसका अभ्यास न हो तो धीमे स्वर में जप करें।
  • कभी भी धरती में इस मंत्र या कोई भी पूजा बैठ कर न करें हमेशा कोई आसन या कुश का आसन बिछा कर करें।
  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही करें।
  • इस मंत्र का जाप एक निर्धारित जगह में ही करें। रोज अपनी जगह न बदलें।
  • मंत्र करते समय एकाग्र रखें। अपने मन को भटकनें न दे।
  • जितने भी दिन का यह जाप हो। उस समय मांसाहार बिल्कुल भी न खाएं।
  • महामृत्युंजय के दिनों में किसी की बुराई या फिर झूठ नही बोलना चाहिए।
  • इस मंत्र का जाप करते समय आलस्य या उबासी को पास न आने दे।
  • इस मंत्र को करते समय धूप-दीप जलते रहना चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखें।
  • इस मंत्र का जाप केवल रुद्राक्ष माला से ही करे।
  • इस रुद्राक्ष माला को गौमुखी में ही रख कर करें पूरा मंत्र हो जाने के बाद ही गौमुखी से बाहर निकाले।
  • इस मंत्र का जप उसी जगह करे जहां पर भगवान शिव की मूर्ति, प्रतिमा या महामृत्युमंजय यंत्र रखा हो।
  • महामृत्युमंजय मंत्र का जाप करते वक्त शिवलिंग में दूध मिले जल से अभिषक करते रहे।

साथ ही जानें भगवान शिव को कौन सी चीजें है प्रिय

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