Thursday, March 28, 2024
Advertisement

नरक चतुर्दशी 2018: आज जरुर करें ये 3 काम, यम के भय से मिलेगी मुक्ति

आज नरक चतुर्दशी है, वो कहीं न कहीं इसी बात से जुड़े हुए हैं कि व्यक्ति को नरक का भय न रहे और वह अपना जीवन खुशहाल तरीके से, बिना किसी भय के जी सके।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: November 06, 2018 12:12 IST
Narak Chaturdasi- India TV Hindi
Narak Chaturdasi

धर्म डेस्क: कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि और मंगलवार का दिन है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। अतः 6 नवंबर को नरक चतुर्दशी है। जो कि दिवाली उत्सव का दूसरा दिन है। इसे रूपचतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है।

दरअसल नरक चतुर्दशी के दिन जो भी कार्य किये जाते हैं, वो कहीं न कहीं इसी बात से जुड़े हुए हैं कि व्यक्ति को नरक का भय न रहे और वह अपना जीवन खुशहाल तरीके से, बिना किसी भय के जी सके। अतः अपने भय पर काबू पाने के लिये आज के दिन ये सभी कार्य किये जाने चाहिए। जानें आचार्य इंदु प्रकाश से क्या काम करना है जरुरी।

तिथितत्व के पृष्ठ- 124 और कृत्यतत्व के पृष्ठ 450 से 451 के अनुसार नरक चतुर्दशी को चौदह प्रकार के शाक पातों का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा दक्षिण में लोग आज के दिन स्नान के बाद कारीट नामक स्थानीय कड़वा फल पैर से कुचलते हैं, जो कि सम्भवतः नरकासुर के नाश का घ्योतक है।

आज नरक चतुर्दशी का पहला कार्य है

तेल मालिश करके स्नान करना

आज के दिन सुबह स्नान से पहले पूरे शरीर पर तेल मालिश करनी चाहिए और उसके कुछ देर बाद स्नान करना चाहिए। दरअसल धर्मशास्त्र का इतिहास चतुर्थ भाग के पृष्ठ- 74 पर चर्चा में आया है किचतुर्दशी को लक्ष्मी जी तेल में और गंगाजल में निवास करती हैं। अतः आज के दिन तेल मालिश करके जल से स्नान करने पर मां लक्ष्मी के साथ गंगा मैय्या का भी आशीर्वाद मिलता है और व्यक्ति को जीवन में तरक्की मिलती है। कुछ जगहों पर तेल स्नान से पहले उबटन लगाने की भी परंपरा है।...
 
टहनियों को सिर पर घुमाने की परंपरा
आज के दिन जड़ समेत मिट्टी से निकली हुयी अपामार्ग की टहनियों को सिर पर घुमाने की भी परंपरा है। धर्मशास्त्र का इतिहास चतुर्थ भाग के पृष्ठ- 74 के अनुसार कुछ ग्रन्थों में अपामार्ग के साथ लौकी के टुकड़े को भी सिर पर घुमाने की परंपरा का जिक्र किया गया है। कहते हैं ऐसा करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और व्यक्ति को नरक का भय नहीं रहता।

तर्पण और दीपदान
आज के दिन यम देवता के निमित्त तर्पण और दीपदान का भी विधान है। पहले तर्पण की बात कर लेते हैं। आज के दिन दक्षिणाभिमुख होकर, यानि दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके, तिल युक्त जल से यमराज के निमित्त तर्पण करना चाहिए और ये मंत्र बोलना चाहिए-
यमाय नम: यमम् तर्पयामि।
तर्पण करते समय यज्ञोपवीत को अपने दाहिने कंधे पर रखना चाहिए और तर्पण करने के बाद यमदेव को नमस्कार करना चाहिए।

Diwali 2018: जानें कब है दीवाली, साथ ही जानें शुभ मुहूर्त और लक्ष्मी पूजन की पूरी विधि

Dhanteras 2018 Date: जानें कब है धनतेरस, क्या है खरीददारी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Diwali 2018: जानें दीवाली के साथ किस दिन मनाया जाएगा कौन सा त्योहार

Bhai Dooj 2018: जानें कब है भाई दूज, साथ ही जानें शुभ मुहूर्त और इस तरह बहनें करें पूजा

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement