Friday, March 29, 2024
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प्रदोष 28 को: इस विधि से करें पूजा साथ ही जानिए इसका महत्व

प्रत्येक चन्द्र मास की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखने का विधान है। यह व्रत कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों को किया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को पडने वाला प्रदोष व्रत इस बार 28 सिंतबर, बुधवार को है.

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: September 27, 2016 17:40 IST
Pradosh vrat - India TV Hindi
Pradosh vrat

धर्म डेस्क:  प्रत्येक चन्द्र मास की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखने का विधान है। यह व्रत कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों को किया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को पडने वाला प्रदोष व्रत इस बार 28 सिंतबर, बुधवार को है।

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सूतजी के अनुसार, बुध प्रदोष व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बुध प्रदोष व्रत के पालन के लिए विधान इस प्रकार है। इस दिन पूजा किसी विद्वान या फिर किसी ब्राह्मण से कराएं। आपको अधिक फल की प्राप्ति होगी। जानिए इसकी पूजा विधि के बारें में।

ज्योतिषों के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन प्रात: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत हो। इस दिन निर्जला व्रत रहा जाता है।  इसके बाद नंदी जी गणपति, कुमार कार्तिकेय, माता गौरा की पूजा और नाग पूजन करें। इसके बाद घी का दीपक जलाकर पंचामृत यानी कि कच्चा दूध, दही, शहद, देसी घी और शक्कर से शिवाभिषेक करें|

इसके बाद भगवान शिव को बिल्व पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, भोग, फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची चढ़ाएं। दिन भर भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। इन मंत्रों में आप महामृत्युजंय के मंत्र का जाप भी कर सकती है।

ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम |

उर्वारुकमिव बन्धनात मृत्युर्मुक्षीय माम्रतात ||

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