Friday, April 19, 2024
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Karva Chauth 2017: इस समय होगा चांद का दीदार, इस विधि से पूजा कर सुनें कथा

माना जाता है कि भगवान को अर्ध्य देने से पहले मां गौरी, शिव, गणेश और कार्तिकेय की अराधना करने का विधान है।पूजा के बाद मिट्टी के करवे में चावल, उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री रखकर सास को दी जाती है। जानिए पूजा विधि और कथा, सुभ मुहूर्त के बारें में

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: October 07, 2017 19:50 IST
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karva chauth

धर्म डेस्क: कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला करवा चौथ हर महिला के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती है। चांद को अर्ध्य और देखने के बाद ही वह पानी ग्रहण करती है। इस व्रत का खास महत्व है।

माना जाता है कि भगवान को अर्ध्य देने से पहले मां गौरी, शिव, गणेश और कार्तिकेय की अराधना करने का विधान है।पूजा के बाद मिट्टी के करवे में चावल, उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री रखकर सास को दी जाती है।

इस दिन अगर विधि-विधान के साथ पूजा नहीं करते है, तो शुभ फल नहीं मिलता है। इस बार करवा चौथ 8 अक्टूबर, रविवार को है। जानिए पूरी पूजा विधि, कथा और चांद निकलने का समय।

शुभ मुहूर्त

इस बार 8 अक्टूबर को पड़ने वाले करवा चौथ का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 55 मिनट से शुरु होकर 7 बजकर 9 मिनट कर है। यानी कि पूरे 1 घंटा 14 मिनट में आप पूजा कर सकते है।

चंद्रमा निकलने का समय
रात 8 बजकर 14 मिनट में चांद निकलेगा जिसे देखकर आप अपना व्रत तोड़ सकती है।

ऐसे करें पूजा   
व्रत के दिन सुबह सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान करें सुहागिनें यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें- ‘मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।’ विवाहित स्त्री पूरे दिन निर्जला (बिना पानी के) रहें।

दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा बनाएं, इसे वर कहते हैं। चित्रित करने की कला को करवा धरना कहा जाता है। आठ पूरियों की अठावरी बनाएं, हलवा बनाएं, पक्के पकवान बनाएं। पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेशजी बनाकर बिठाएं। गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाएं।

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अगली स्लाइड में पढ़ें पूरी पूजा विधि और कथा

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