Tuesday, April 16, 2024
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पितृपक्ष 2017: भूलकर भी इन दिनों में न करें ये काम, वरना जाने पड़ेगा नर्क

मान्यता है कि अगर किसी मनुष्य का विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण ना किया जाए तो उसे इस लोक से मुक्ति नहीं मिलती और वह भूत के रूप में इस संसार में ही रह जाता है। जानिए इन दिनों में कौन से काम नहीं करना चाहिए। जिससे की पितरों के क्रोद का सामना न करना पड़े।

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: September 06, 2017 6:14 IST
pitra paksha- India TV Hindi
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धर्म डेस्क: हिंदू धर्म में श्राद्ध का बहुत अधिक महत्व है। किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका श्राद्द करना जरुरी माना जाता है। तभी हमारे पूर्वज को मुक्ति, मोक्ष मिलती है। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी मनुष्य का विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण ना किया जाए तो उसे इस लोक से मुक्ति नहीं मिलती और वह भूत के रूप में इस संसार में ही रह जाता है। इस बार 6 सितंबर से पितृपक्ष के श्राद्ध शुरु हो रहे है। जो कि 20  सितंबर को देव दर्श अमावस्या के साथ समाप्त होगे।

ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया है कि दिवंगत पितरों के परिवार में या तो सबसे बड़ा पुत्र या सबसे छोटा पुत्र और अगर पुत्र न हो तो नाती, भतीजा, भांजा या शिष्य ही तिलांजलि और पिंडदान दे सकते हैं। जानिए इन दिनों में कौन से काम नहीं करना चाहिए। जिसे करने से आपके पूर्वजों को तो कष्ट होगा ही साथ में आपको नरक की प्राप्ति होगी। ऐसा शस्त्रों में कहा गया है।

  • अगर आपको पितरों का श्राद्ध करना है, तो इस बात का ध्य़ान रखें कि इन दिनों में ब्रह्मचर्य का पूरा पालन करें। इन दिनों में मांस-मदिरा का सेवन न करें तो बेहतर है।
  • पितृ पक्ष के दौरान चना, मसूर, सरसों का साग, सत्तू, जीरा, मूली, काला नमक, लौकी, खीरा एवं बांसी भोजन नहीं खाना चाहिए।
  • अगर आप अपने पितरों का तर्पण कर रहे है, तो गया, प्रयाग जाकर करें या फिर अपने घर पर करें। घर का मतलब कि वह आपका खुद का घर हो किराए में लिया हुआ न हो।
  • शास्त्रों में कहा गया है कि इन दिनों में आपके पूर्वज किसी भी रुप में आपके द्वार में आ सकते है। इसलिए किसी को भी घर से निरादर कर भगाएं नहीं।

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