Friday, March 29, 2024
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देवशयनी एकादशी 2018: इस तरह से करें भगवान विष्णु की पूजा, प्रसाद में इन चीजों को जरूर करें शामिल

पुराणों के अनुसार देवशयनी एकादशी का व्रत जो भी भक्त सच्चे मन से रखता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान की सेवा करें, गाय को चारा दें और रात्रि जागरण करें। अगर ऐसा ना कर पाएं तो भूमि पर बिस्तर बिछाकर जरूर सोएं।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: July 22, 2018 18:31 IST
देवशायनी एकादशी- India TV Hindi
देवशायनी एकादशी

धर्म डेस्क: आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 23 जुलाई यानी सोमवार को है। शास्त्रों के के अनुसार, देवशयनी एकादशी से चातुर्मास का आरंभ हो जाता है और सभी मांगलिक कार्य चार महीने के लिए रुक जाते हैं। इस एकादशी का सभी एकादशियों में बड़ा धार्मिक महत्व है, जो भक्त सच्चे मन से भगवान की पूजा करते हैे, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। देवशयनी एकादशी के दिन शास्त्रों में बताए गए इन 7 कामों को करना बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है। इनसे पुण्य और वैभव की प्राप्ति अगले जन्म में भी मिलता है।

पुराणों में कथा है कि इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए सोने चले जाते हैं इसलिए इसे देवशयनी कहा जाता है। इसलिए भगवान को नए वस्त्र पहनाने चाहिए। क्योंकि इस दिन के बाद भगवान 4 महीने के लिए सो जाते हैं और शयन अवस्था में ही इनकी पूजा होती है।

भगवान विष्णु की पूजा करके उन्हें नए बिस्तर पर सुलाना चाहिए। इससे भगवान बहुत प्रसन्न होते हैं और वह आपकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।

विष्णु भगवान विष्णु शयन के लिए चले जाते हैं तो उनकी पूजा भी इस दिन खास होती है। इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कार्यों से निवृत होकर भगवान विष्णु का ध्यान करें। भगवान के सामने देसी घी का दीपक जलाना ना भूलें और जाने-अनजाने जो भी पाप हुए हैं उससे मुक्ति पाने के लिए प्रार्थना करें।

पुराणों के अनुसार देवशयनी एकादशी का व्रत जो भी भक्त सच्चे मन से रखता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान की सेवा करें, गाय को चारा दें और रात्रि जागरण करें। अगर ऐसा ना कर पाएं तो भूमि पर बिस्तर बिछाकर जरूर सोएं।

एकादशी के दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे कई जन्मों के पाप कटित होते हैं और मृत्यु के बाद उत्तम लोक की प्राप्ति होती है।(देवशयनी एकादशी 2018: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व)

शास्‍त्रों में तुलसी को पूजनीय, पवित्र और देवी के समान माना जाता है। एकादशी के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना शास्त्रों में पाप माना गया है। माना जाता है कि व‍िष्‍णु भक्‍त होने की वजह से एकादशी को तुलसी उनकी भक्‍त‍ि में लीन रहती हैं।(23 जुलाई 2018 पंचांग: दिन सोमवार अनुराधा नक्षत्र, जानिए आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल)

एकादशी के दिन काली गया को बेसन के लड्डू खिलाना चाहिए। भगवान विष्णु की पूजा में प्रसाद रूप में भी इनका प्रयोग करें। ऐसा करने से आपके व्यवसाय या नौकरी में उन्नति होती है। इससे आपके परिवार पर भी कोई कष्ट नहीं आता है।(23 जुलाई 2018 राशिफल: आज का दिन इन राशियों के लिए खुशियों से भरा रहने वाला है, आ सकते हैं शादी के रिश्ते)

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