Friday, April 19, 2024
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पत्नी के इस अंग में 28 अगस्त को लक्ष्मी करेंगी निवास, राशिनुसार करें ये उपाय तो होगी हर मुराद पूरी

जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से आज के दिन आपकी जीवनसाथी के, आपकी पत्नी के किस अंग में लक्ष्मी का निवास होगा। साथ ही कौन से उपाय करना होगा शुभ।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: August 27, 2018 14:42 IST
Goddess Lakshmi- India TV Hindi
Goddess Lakshmi

धर्म डेस्क: आज भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि और मंगलवार का दिन है। आज अशून्य शयन द्वितीया व्रत है। ये व्रत चातुर्मास के प्रत्येक चार महीनों के दौरान कृष्ण पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। चातुर्मास के चार महीनों में श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक शामिल हैं। श्रावण महीने में 29 जुलाई को ये व्रत किया गया था और भाद्रपद महीने में आज के दिन ये व्रत किया जायेगा, जबकि आश्विन में 26 सितम्बर को और कार्तिक में 26 अक्टूबर को अशून्य शयन व्रत किया जायेगा। विष्णुधर्मोत्तर पुराण के पृष्ठ- 71, मत्स्य पुराण के पृष्ठ- 2 से 20 तक, पद्मपुराण के पृष्ठ- 24, विष्णुपुराण के पृष्ठ- 1 से 19 आदि में अशून्य शयन व्रत का उल्लेख मिलता है।

अशून्य शयन द्वितीया का अर्थ है- बिस्तर में अकेले न सोना पड़े। जिस प्रकार स्त्रियां अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिये करवाचौथ का व्रत करती हैं, ठीक उसी तरह पुरूषों को अपनी जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिये ये व्रत करना चाहिए। क्योंकि जीवन में जितनी जरूरत एक स्त्री को पुरुष की होती है, उतनी ही जरूरत पुरुष को भी स्त्री की होती है।

अगर आप पिछली बार श्रावण मास में इस व्रत का लाभ न उठा पाये हों, तो कोई बात नहीं है। आप आज के दिन ये व्रत करके लाभ उठा सकते हैं। अशून्य शयन द्वितीया का ये व्रत पति-पत्नी के रिश्तों को बेहतर बनाने के लिये बेहद अहम है। यह व्रत रिश्तों की मजबूती को बरकरार रखने में मदद करता है। इस व्रत में मां लक्ष्मी और श्री हरि, यानी भगवान विष्णु की पूजा - अर्चना करने का विधान है। (Kajari Teej 2018: जानें कब है कजरी तीज, इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से होगी पति की लंबी आयु)

दरअसल शास्त्रों के अनुसार चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु का शयनकाल होता है और इस अशून्य शयन व्रत के माध्यम से शयन उत्सव मनाया जाता है। कहते हैं जो भी इस व्रत को करता है, उसके दाम्पत्य जीवन में कभी दूरी नहीं आती। साथ ही रिश्तों की गरिमा बनी रहती है और घर-परिवार में सुख-शांति तथा सौहार्द्र बना रहता है। अतः ग्रहस्थ पति को ये व्रत अवश्य करना चाहिए। इस व्रत में भगवान की प्रार्थना किस प्रकार करनी चाहिए, ये भी मैं आपको अभी बता देता हूं-

लक्ष्म्या न शून्यं वरद यथा ते शयनं सदा।
शय्या ममाप्य शून्यास्तु तथात्र मधुसूदन।।

अर्थात् हे वरद, जैसे आपकी शेषशय्या लक्ष्मी जी से कभी भी सूनी नहीं होती, वैसे ही मेरी शय्या अपनी पत्नी से सूनी न हो, यानी मैं उससे कभी अलग ना रहूं, ऐसी प्रार्थना करनी चाहिए। प्रार्थना आदि के बाद पूरे दिन व्रत करना चाहिए और शाम के समय चन्द्रोदय होने पर अक्षत, दही और फलों से चन्द्रमा को अर्घ्य देना चाहिए। आपको बता दूं कि आज के दिन चन्द्रोदय रात 08:07 पर होगा। इस प्रकार अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करना चाहिए। फिर अगले दिन तृतीया को, यानी कल के दिन किसी ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए और उन्हें कोई मीठा फल देकर उनका आशीर्वाद लेना। (हिंदू धर्म खास का माह भाद्रपद आज से शुरु, जानिए इस माह क्या करना होगा शुभ )

जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से आज के दिन आपकी जीवनसाथी के आपकी पत्नी के किस अंग में लक्ष्मी का निवास होगा। साथ ही कौन से उपाय करना होगा शुभ।

मेष राशि
आज भाद्रपद अशून्य शयन व्रत के दिन आपकी जीवनसाथी के दाहिने घुटनों में मां लक्ष्मी का निवास होगा। अतः आपको ये व्रत करके अपनी जीवनसाथी के दाहिनी घुटनों का स्पर्श करना चाहिए या ध्यान करना चाहिए और स्पर्श या ध्यान करते समय श्री विष्णु के माधव नाम का स्मरण करना चाहिए और कहना चाहिए-
‘ऊँ माधवाय नमः।‘ इससे पत्नी के साथ आपका रिश्ता मजबूत होगा। (Janmashtami 2018: इस दिन पड़ रही है जन्माष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व)

वृष राशि
आज के दिन आपकी जीवनसाथी की नाभि में मां लक्ष्मी का निवास होगा। अतः आपको ये व्रत करके अपनी जीवनसाथी की नाभि का स्पर्श या ध्यान करना चाहिए और स्पर्श या ध्यान करते समय श्री विष्णु के गोविंद नाम का स्मरण करना चाहिए और कहना चाहिए- ऊँ गोविंदाय नमः। इससे रिश्तों में प्यार बढ़ेगा।

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