Friday, April 26, 2024
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हर 3 मिनट में ब्रेन स्ट्रोक से एक की मौंत, ऐसे करें खुद पहचान

भारत में ब्रेन स्ट्रोक मौत का दूसरा सबसे प्रमुख कारण है, देश में हर तीसरे सेकंड किसी को ब्रेन स्ट्रोक होता है और तीन मिनट में किसी की मृत्यु भी इसके कारण होती है। जानइए कैसे करें इसकी पहचान...

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Published on: October 30, 2017 10:36 IST
stroke- India TV Hindi
stroke

हेल्थ डेस्क: लगातार बढ़ रही ब्रेन स्ट्रोक की समस्या के प्रति जागरूकता फैलाने के लिाए मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज व वैशाली ने रविवार को 'ब्रेन स्ट्रोक वाकथॉन' का आयोजन किया जिसमें करीब 500 लोगों ने भागीदारी की। इसमें स्ट्रोक रोगी, डॉक्टर, अस्पताल स्टाफ और आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी शामिल हुए। डॉक्टरों ने रोगियों, पटपड़गंज व वैशाली के निवासियों के साथ इंटरेक्टिव सत्र का आयोजन किया और बेहतर जीवनशैली के विकल्पों के बारे में जानकारी दी साथ ही साथ इस समस्या को कैसे कम कर सकते हैं, इसके बारे में लोगों को सुझाव भी दिए।

मैक्स स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज और वैशाली के सीनियर डायरेक्टर डॉ संजय कुमार सक्सेना ने कहा, "ब्रेन स्ट्रोक की समस्या तब पैदा होती है जब आपके मस्तिष्क में रक्त प्रवाह सही रूप से नहीं होता। ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है की स्ट्रोक आने पर 3 से 4.5 घंटों के भीतर ही डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए, किसी भी प्रकार की देरी के कारण मस्तिष्क संबंधी विकलांगता की संभावना ज्यादा तेजी से बढ़ती जाती है, सही समय पर स्ट्रोक को दवा के जरिए कम किया जा सकता है।"

इंडियन कौंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के अनुसार भारत में ब्रेन स्ट्रोक मौत का दूसरा सबसे प्रमुख कारण है, देश में हर तीसरे सेकंड किसी को ब्रेन स्ट्रोक होता है और तीन मिनट में किसी की मृत्यु भी इसके कारण होती है। जन्म के समय जीवन की उम्मीद का बढ़ना, तेजी से बढ़ता शहरीकरण, जीवनशैली में बदलाव, बढ़ते तनाव का स्तर ब्रेन स्ट्रोक की सम्भावनाएं बढ़ाने के प्रमुख कारण हैं ।

स्ट्रोक की पहचान :

  • चेहरे, बांह या पैर मे कमजोरी एवं सुन्न होना, झुका हुआ चेहरा, बोलने मे लड़खड़ाना, लकवा मारना इत्यादि, अक्सर ये सब शरीर में एक तरफ होता है
  • समझने और बोलने में दिक्कत आना
  • एक या दोनों आँखों से कम दिखाई देना, उनका घूमना कम होना या पूर्णयता दृष्टिबाधित होना
  • चलने-फिरने में परेशानी, चक्कर आना और दोनों पैरों का आड़ा -तिरछा पड़ना
  • बहुत तेज सर में दर्द होना

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