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World Brain Tumor Day 2019: सुबह उठते ही अक्सर होता है सिरदर्द तो हो सकता है ब्रेन ट्यूमर, जानें लक्षण और बचाव के बारे में

World Brain Tumor Day 2019: हर साल 8 जून को विश्व मस्तिष्क ट्यूमर दिवस (World Brain Tumor Day 2019) के रूप में मनाया जाता है। जानें क्या है यह, लक्षण और बचाव के बारे में।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: June 08, 2019 11:30 IST
World Brain Tumor Day 2019- India TV Hindi
World Brain Tumor Day 2019

World Brain Tumor Day 2019: हर साल 8 जून को विश्व मस्तिष्क ट्यूमर दिवस (World Brain Tumor Day 2019) के रूप में मनाया जाता है। वर्ल्‍ड ब्रेन ट्यूमर डे का उद्देश्य मस्तिष्क ट्यूमर के बारे में जागरूकता बढ़ाना और समाज के सभी वर्गों के लोगों को इस तरह के कैंसर के बारे में शिक्षित करना है। जो कि एक बहुत ही बड़ी चुनौती है। ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क की कोशिकाओं में होता है। ट्यूमर कैंसर रहित हो सकता है।

हमारे साथ की बार ऐसा होता है कि सिर दर्द की समस्या हो जाती है। जिससे निजात पाने के लिए पेन किलर जैसी कई दवाओं का सेवन करते है, लेकिन कई बार होता है कि हमें इस दर्द से निजात नहीं मिल पाता है। आपने कभी ये बात सोचा कि आखिर ये दर्द बार-बार क्यों होता है। इसके पीछे कोई और कारण तो नहीं है। सिर दर्द के साथ की ऐसी शारीरिक समस्याएं सामने आई है जो कि ब्रेन ट्यूमर होने के लक्षण बताती हैं। अगर आपने इस बात को नजर अंदाज किया तो आपके लिए भारी पड़ सकता है। इससे आपकी मौत भी हो सकती है।

रिपोर्ट के मुताबिक 10 वर्ष से भी ज्यादा समय तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से ब्रेन ट्यूमर का खतरा 33 प्रतिशत बढ़ जाता है।

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ब्रेन ट्यूमर होने का कारण कई हो सकते है। जब पीयूष ग्रंथि कई तरह के रासायनिक तत्‍व उत्‍पन्‍न करती है। ग्रंथि में ट्यूमर होने पर कई तरह की समस्‍याएं होने लगती हैं।

World Brain Tumor Day 2019

World Brain Tumor Day 2019

क्या होता है ब्रेन ट्यूमर?

मस्तिष्क में कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने पर जो गांठ बन जाती है उसे ही ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। इसमें मस्तिष्क के खास हिस्से में कोशिकाओं का गुच्छा बन जाता है। यह कई बार कैंसर की गांठ में तब्दील हो जाता है, इसलिए ब्रेन ट्यूमर को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। ब्रेन ट्यूमर किसी को भी हो सकता है।

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ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

  • कई बार आंखों से धुंधला दिखाई देने लगे और आपकी चश्‍मे का नंबर बढ़ जाए। किसी चीज को पहचानने में आपको मुश्किल है। अगर आपको ब्रेन ट्यूमर है, तो अधिकतर आपको एक आंख में परेशानी होती होगी।
  • किसी बात को बोलने और उसे दोहराने में परेशानी होना। गले में अकड़न होना।
  • अगर आप चलते-चलते अचानक लड़खड़ाने लगे। थोड़ा सा काम करने के बाद आपको थकान लगने लगे, तो समझ लें कि आपको ब्रेन ट्यूमर है।
  • कई बार आप कई चीजे भूल जाते है यानी कि आपको याददाश्त कमजोर होने की बीमारी है। इसके साथ ही आपका ध्यान एक चीज में न लगना। हमेशा ध्यान भटकते रहना।
  • जब भी आप सुबह उठते है, तो सिर में तेज दर्द होना। इसके साथ ही अजीब सा मन होना आदि ब्रेन ट्यूमर के लक्षण है।
  • ब्रेन ट्यूमर होने की स्थिति में शरीर पर से दिमाग का कंट्रोल हटने लगता है, जिससे शरीर में अचानक किसी भी तरह की संवेदना महसूस न होना भी ट्यूमर हो सकता है।
  • अचानक मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होना। जैसे कि आपका शरीर, हाथ-पैर फड़क रहे हो।
  • अचानक से बेहोशी आने लगना आदि ब्रेन ट्यूमर के ही संकेत है।
  • अगर आपको इसमें से कोई भी लक्षण मिलते है, तो तुरंत डॉक्टर से मिले। अगर आपने देर की, तो आपकी जान में बन सकती है।

ब्रेन ट्यूमर का इलाज
ट्यूमर के आकार, स्थिति के आधार पर उपचार किया जाता है
सर्जरी
पूरे ट्यूमर को या उसके कुछ भाग को निकाल दिया जाता है। ब्रेन ट्यूमर को निकालने के लिए की जाने वाली सर्जरी में कई जोखिम होते हैं जैसे संक्रमण और ब्लीडिंग। अगर ट्यूमर ऐसे स्थान पर है जहां जोखिम अधिक है तब उपचार के दूसरे उपायों का सहारा लिया जाता है।

माइक्रो एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी
इसमें सर्जरी को आसान और बेहतर बना दिया है। इसमें एंडोस्कोप का इस्तेमाल करते हैें। इस सर्जरी के दौरान उन जगहों तक पहुंचना संभव होता है, जहां पारंपरिक सर्जरी द्वारा पहुंचना मुश्किल होता है। इसके साइड इफेक्ट्स भी कम हैं।
रेडिएशन थैरेपी
रेडिएशन थैरेपी में ट्यूमर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए हाई एनर्जी बीम जैसे एक्स-रे या प्रोटॉन्स का इस्तेमाल किया जाता है।
रेडियो सर्जरी
इसमें कैंसरयुक्त कोशिकाओं को मारने के लिए रेडिएशन की कई बीम्स का इस्तेमाल किया जाता है। रेडियो सर्जरी एक ही सीटिंग में हो जाती है।
कीमोथैरेपी
इसमें दवाइयों का इस्तेमाल ट्यूमर की कोशिकाओं को मारने के लिए करते हैं। कीमोथैरेपी की दवाएं गोली के रूप में या नसों में इंजेक्शन द्वारा दिया जाता है। इससे जी मचलाना, उल्टी होना या बाल झड़ने की समस्या हो सकती है।
टारगेट ड्रग थैरेपी
यह कैंसर कोशिकाओं में मौजूद विशिष्ट असामान्यताओं पर फोकस करती है। इन असामान्यताओं को ब्लॉक करके कैंसर कोशिकाओं को खत्म करते हैं।

विश्व ब्रेन ट्यूमर डे की ऐसे हुई शुरुआत
जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन की स्थापना 1998 में हुई थी। उस वक्त 14 देशों के 500 सदस्यों ने एसोसिएशन में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। एसोसिएशन विश्वभर में ब्रेन ट्यूमर के पेशेंट्स और उनके परिवार की हौसला अफजाई के साथ ही उनका सहयोग भी करती है। विश्व ब्रेन ट्यूमर डे साल 2000 से हर साल 8 जून को मनाया जाता है। सबसे पहले इसे जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन द्वारा मनाया गया था। बता दें कि जर्मनी में ब्रेन ट्यूमर के बड़ी संख्या में मरीज हैं। इनकी संख्या आठ हजार से ज्यादा है। विश्व में रोजाना ब्रेन ट्यूमर के 500 नए मामले सामने आते हैं

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