Saturday, April 20, 2024
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सावधानः घुटनों के दर्द के कारण हो सकती है ये गंभीर बीमारी

आज की जीवनशैली में घुटनों के दर्द की समस्या आम होती जा रही है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इस दर्द पर समय पर काबू पाना जरूरी होता है, क्योंकि यह केवल घुटनों की ही नहीं, बल्कि आपकी रीढ़ की भी सेहत खराब कर सकता है। घुटनों के दर्द से कैसे पाएं निजात।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: February 09, 2019 9:24 IST
घुटनों के दर्द- India TV Hindi
घुटनों के दर्द

नई दिल्ली: आज की जीवनशैली में घुटनों के दर्द की समस्या आम होती जा रही है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इस दर्द पर समय पर काबू पाना जरूरी होता है, क्योंकि यह केवल घुटनों की ही नहीं, बल्कि आपकी रीढ़ की भी सेहत खराब कर सकता है। घुटनों के दर्द से कैसे पाएं निजात।

आजकल घुटनों के दर्द की परेशानी हर किसी को होने लगी है, फिर चाहे 30-40 साल के नौजवान हों या फिर 50 साल की उम्र या इससे ज्यादा उम्र के बुजुर्ग। देखने वाली बात यह है कि दोनों ही उम्र के लोग सही समय पर अपना इलाज नहीं कराते। तो आइये जानते हैं, लोग इलाज में देरी क्यों करते हैं और इसके क्या नुकसान होते हैं- 

इलाज में देरी के कारण 

खुद ही पेनकिलर लेना : भारतीयों में सबसे बड़ी समस्या यह है कि शरीर के किसी भी हिस्से मंे दर्द हो, तो पहले खुद ही घर पर रखी दवा या केमिस्ट से पूछकर पेनकिलर ले लेते हैं। इससे कुछ समय के लिए दर्द तो कम हो जाता है, लेकिन यह कोई स्थायी इलाज नहीं है। कई बार बिना डॉक्टर की सलाह लिए पेनकिलर लेना शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। लगातार पेनकिलर लेने से लिवर और किडनी के साथ अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं। दवा काम करना बंद कर देती है। 

भ्रामक विज्ञापनों के जरिए इलाज करना: टीवी और अखबार में कई तरह के तेल से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों में आथ्र्राइटिस का इलाज बताया जाता है, लेकिन तथ्य यह है कि अगर घुटने के कार्टिलेज घिसने लगते हैं, तो उन्हें दोबारा ठीक नहीं किया जा सकता। फिजियोथेरेपी और जीवनशैली में बदलाव करके कार्टिलेज के घिसने की गति को रोका जा सकता है।

इन विज्ञापनों के चक्करों में पड़कर मरीज अपने घुटनों को ज्यादा खराब कर लेते हैं। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जब आपके घुटनों में बहुत ज्यादा दर्द रहने लगे और उनमें सुबह के समय सूजन महसूस हो, तो जल्द ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से सलाह लें। अगर आप समय पर डॉक्टर से सलाह लेते हैं, तो वह आपके घुटनों के दर्द को काफी हद तक कम कर देते हैं। 

घुटनों के दर्द को बढ़ती उम्र से जोड़ना: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, लोग घुटनों के दर्द को उम्र से जोड़ने लगते हैं। इसलिए वे डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत ही नहीं समझते। जब बीमारी बढ़कर रोज के काम करने में दिक्कत पैदा करने लगती है, तब वे डॉक्टर के पास जाते हैं। इसलिए अगर आपके घुटनों में दर्द हो, तो उम्र के बारे में सोचे बगैर जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें। 

सर्जरी से डर: ये जानना बहुत जरूरी है कि डॉक्टर सभी ऑर्थोपेडिक रोगियों को सर्जरी की सलाह नहीं देते, बल्कि मरीज की स्थिति देखकर ही इसकी सलाह दी जाती है। वैसे भी आजकल घुटनों के रिप्लेसमेंट में एडवांस तकनीकों, खासतौर से मिनिमल इन्वेसन सर्जिकल प्रक्रियाओं ने घुटने की सर्जरी से जुड़ी गंभीरताओं व जटिलताओं को कम किया है। काफी लोगों को एडवांस प्रोस्थेटिक्स, डिजिटल इमेजिंग और रियल टाइम सिग्नल की मदद से की जाने वाली प्री प्लान सर्जरी के फायदों की ज्यादा जानकारी नहीं है, जो कम समय में और सटीक होती है।

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इलाज में देरी से बढ़ सकती है समस्या
’घुटनों का दर्द रीढ़ की हड्डी को भी क्षतिग्रस्त कर सकता है। घुटनों के दर्द की वजह से मरीज सही तरीके से नहीं चल पाते और लगातार गलत पॉस्चर में चलने से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होने लगती है। ’लगातार पेनकिलर लेने से किडनी और लिवर के साथ शरीर के कई अंगों को नुकसान होता है। ’रोगी के बिस्तर पर आने से डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर, मोटापा जैसी बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। ’दिनभर बिस्तर पर रहने से अवसाद की आशंका बढ़ जाती है। 

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